ओडिशा में धामरा नदी पर बनेगी 110 करोड़ रुपये की रोपेक्स जेटी परियोजना

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने सागरमाला पहल के तहत ओडिशा के भद्रक जिले के कनिनली और केंद्रपाड़ा जिले के तलचुआ को जोड़ने की के लिये हर मौसम में काम करने वाले रोपेक्स (रोल-ऑन/रोल-ऑफ पैसेंजर) जेटी और उससे जुड़े बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 50.30 करोड़ रुपये की मंजूरी को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। ओडिशा सरकार परियोजना की लागत का बाकी 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करेगी।

परियोजना की कुल पूंजी लागत 110.60 करोड़ रुपये है जिसमें कनिनली और तलचुआ में रोपेक्स जेट्टी का निर्माण, पार्किंग क्षेत्र का विकास, नौवहन संबंधी सहायता और ड्रेजिंग जैसे उपयोगी बुनियादी ढांचे शामिल हैं।

यह परियोजना, सड़क मार्ग के छह घंटे के सफर को जलमार्ग से कम कर एक घंटा कर देगी। हर मौसम में काम करने वाले रोपेक्स जेटी के साथ मौजूदा घाट का विकास नौकाओं, लांच (बड़ी नौकाओं पर चढ़ने-उतरने के लिए बने पट्टे) और अन्य जहाजों के साथ-साथ, 10 हल्के मोटर वाहनों,  20 मोटरसाइकिलों के साथ-साथ एक समय में 60 यात्रियों को ले जाने की क्षमता वाले जहाज के लिए मददगार ढांचा तैयार के साथ किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह परियोजना धामरा नदी के आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के अप्रत्यक्ष अवसरों की सुविधा प्रदान करेगी और तलचुआ से धामरा तक सड़क की दूरी को 200 किलोमीटर कम कर देगी।

भद्रक जिले में कनिनली और केंद्रपाड़ा जिले में तलचुआ, क्रमशः धामरा नदी के उत्तरी और दक्षिणी तट पर स्थित हैं। तलचुआ और आसपास के गांवों के लोग अपनी आजीविका के लिए ज्यादातर धामरा बंदरगाह पर निर्भर हैं, जो कि कनिनली घाट से लगभग चार किलोमीटर दूर है। चूंकि सड़कों के माध्यम से कोई संपर्क नहीं है, स्थानीय आबादी नदी (सात किलोमीटर की दूरी) पार करने के लिए कनिनली और तलचुआ के घाटों पर यात्री नौकाओं पर निर्भर करती है। इस समय बहुत सारे यात्री वाहन बिना सुरक्षा के निजी नौकाओं के माध्यम से चलते हैं और यात्रियों को हर दिन एक छोर से दूसरे छोर पर नौका से उतरने-चढ़ने में दिक्कतें आती हैं। यह परियोजना अत्याधुनिक उपयोगिता बुनियादी ढांचे के साथ यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा को बढ़ाएगी। इस संपर्क से वाणिज्यिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और आसपास के क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

 

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