13 साल की ज्योति ने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से 1200 किमी दूर दरभंगा लायी

शिवानी रजवारिया

नई दिल्ली: नाम ज्योति कुमारी, उम्र सिर्फ 13 साल, साधन सायकिल; गुरुग्राम से दरभंगा, तक़रीबन 1200 किलोमीटर की दूरी और साथ में पिता जो चल नहीं सकते क्योंकि उनकी पाँव की हड्डी एक एक्सीडेंट में टूट गयी थी। ये सिर्फ एक कहानी नहीं है, ये कहानी है सरकारी तंत्र के फेल होने की, ये कहानी है उन खोखले दावों–प्रतिदावों की, जो आये दिन सरकार और उसके रहनुमाओं के द्वारा बताई जा रही है। और सबसे बड़ी बात, ये कहानी है हमारे आपके संवेदनहीन होने की।

हालांकि जिस सायकिल से उसने ये सफ़र तय किया वो 500 रुपैया प्रधानमंत्री राहत कोष से आया था। उसी 500 रुपैया से ज्योति ने पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को लेकर चल पड़ीं 1200 किलोमीटर दूर अपने गाँव। ये दूरी ज्योति ने आठ दिनों में तय की।

ज्योति अपने पिता मोहन पासवान के साथ गुरुग्राम में रहती थी। पिता ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे, लेकिन 26 जनवरी को एक्सीडेंट होने की वजह से उनके जांघ की हड्डी टूट गयी। चलने फिरने से भी लाचार होगये, और इलाज का खर्चा अलग। जो कुछ भी बची-खुची पूंजी थी वो इलाज में खर्च हो गए। अभी इलाज चल ही रहा था कि कोरोना का कहर उनके जैसे हजारो लाखों मजदूरों पर पड़ा। पूरे देश में लॉकडाउन हुआ, ज्योति और उसके पिता को खाने के लाले पड़ गए। उस पर मकान मालिक का किराया देने का दवाब। एक दी जिसका डर था वही हुआ। मकान का किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।

कहते हैं कि बिहार की मिटटी पानी में गज़ब की ताकत है, वहां के लोग तो पहाड़ काटकर रास्ता बना देते हैं। अब बुलंद इरादों के साथ ज्योति ने गाँव जाने का फैसला लिया, और सायकिल पर बिठा अपने पिता को चल पड़ी 1200 किलोमीटर का रास्ता तय करने और पहुँच गयी बिहार के दरभंगा जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव। वही गाँव जहाँ अब कोई मकान मालिक उसे किराया के लिए तंग नहीं करेगा, वही गाँव जहाँ उसके अपने लोग हैं, जहाँ उसे घर से निकाले जाने कि चिंता नहीं होगी।

13 साल की ज्योति के इस हौसले की हर तरफ काफी तारीफ हो रही है। अब उस से मिलने उसके गाँव हाकिम मुख़्तार का तांता लगा हुआ है। साथ ही उसकी हर संभव मदद करने का वादा भी किया जा रहा है। मदद की भी जा रही है। इसी क्रम में सदर एसडीओ राकेश कुमार गुप्ता होम क्वॉरन्टीन में रह रही ज्योति के घर पहुंचे। उन्होंने ज्योति की तारीफ करते हुए उसे कलयुग की ‘श्रवण कुमारी’ की उपाधि दी है, साथ ही पढ़ाई के लिए हर संभव मदद करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि ज्योति और उसके पिता का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है। एसडीओ ने कहा कि ज्योति की आगे की पढ़ाई जारी रखने में मदद की जाएगी। साथ ही उनके परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *