एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में भरे जायेंगें 3,479 रिक्त पद

चिरौरी न्यूज़

जनजातीय कार्य मंत्रालय अपनी स्वा यत्तप संस्थाय नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्राइबल स्टू डेंट्स के माध्याम से देश के 17 राज्यों  में एकलव्य् आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में शिक्षकों के रिक्ते 3,479 पदों को भरेगा। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया अगले महीने की पहली तारीख से प्रारंभ होगी। इससे ईएमआरएस मंक गुणवत्ताक सम्प न्न  मानव संसाधन तैनात किया जा सकेगा और शैक्षिक मानकों में सुधार होगा। प्राचार्य, उप-प्राचार्य पीजीटी तथा टीजीटी के चार विभिन्न् पदों पर भर्ती के लिए केंद्रीयकृत कंप्यूटर आधारित परीक्षा होगी। उसके बाद संबंधित राज्यों द्वारा साक्षात्कार (टीजीटी को छोड़कर) लिया जाएगा। नीचे दी गई राज्ये विशेष रिक्तदता के आधार पर राज्य वार भर्ती की जाएगी।

भर्ती प्रक्रिया संबंधित राज्यों के साथ संयुक्त् रूप से प्रारंभ की गई है ताकि पहले से कार्यरत स्कूवलों और इस वर्ष से काम करने वाले स्कू‍लों में स्पेष्टत रिक्तियों के लिए शिक्षकों की मांग पूरी की जाए। रिक्तियों की गणना वर्तमान में नियमित तथा तदर्थ/संविदा स्टाफ द्वारा भरे गए पदों को छोड़कर की गई है। वर्तमान तदर्थ/संविदा स्टाफ के लिए तौर तरीके विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करके बाद में तय किए जाएंगे।

आवेदन प्राप्तय करने के लिए पोटर्ल 01.04.2021 से 30.04.2021 तक खुला रहेगा। परीक्षा जून के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। पोटर्ल के ब्यौरे तथा अंतिम तिथियों के लिए recruitment.https://nta.ac.in and https://tribal.nic.in देखें। ईएमआरएस योजना देश के जनजातीय क्षेत्रों में जनजातीय विद्यार्थियों को गुणवत्तार सम्पiन्नद शिक्षा प्रदान करने का जनजातीय कार्य मंत्रालय का अग्रणी कार्यक्रम है। यह योजना 1998 में प्रारंभ हुई और वर्ष 2018-19 में इसमें व्या पक परिवर्तन किए गए ताकि 50 प्रतिशत या उससे अधिक अनुसूचित जनजाति आबादी के प्रत्येक ब्लॉक तक भौगोलिक दृष्टि से स्कू‍लों की पहुंच में सुधार किया जा सके। परिवर्तित योजना के अंतर्गत वर्तमान 288 स्कूलों के अतिरिक्तम 452 नए स्कू ल खोले जाएंगे और इस तरह आने वाले वर्षों में स्कू‍लों की कुल संख्याल 740 हो जाएगी। इनमें से एक सौ स्कूल खोलने के लिए राज्यों के प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया गया है और वहां शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।

ईएमआरएस दूर-दराज के जनजातीय क्षेत्रों में बड़ी संख्या में जनजातीय बच्चों को आकर्षित करने वाला उत्कृष्ट संस्थान बन गया है। इस योजना के अंतर्गत फोकस, अध्ययन और अन्य गतिविधियों में विद्यार्थिंयों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है। रिक्त पदों को भरे जाने से और आने वाले दिनों में उठाए जाने वाले कदमों से ईएमआरएस केवल जनजातीय क्षेत्र के आदर्श विद्यालय नहीं रह जाएंगे, बल्कि राष्ट्र निर्माण के प्रतिष्ठित संस्था्न बनेंगे। शिक्षक क्षमता सृजन, प्राचार्यों का नेतृत्व विकास, स्कूलों की सीबीएसई मान्यता, स्कूलों में ऑनलाइन तथा डिजिटल शिक्षा प्रारंभ करने और अटल टिंकरिंग लैब्सि, एनआईएसएचटीए जैसे विभिन्न वर्तमान कार्यक्रमों के अंतर्गत संसाधनों को लाने के लिए बाहरी हितधारकों से साझेदारी के माध्यम से अनेक कदम उठाए गए हैं।

 

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