जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ये बैठक एक महत्वपूर्ण कदम

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक आज संपन्न हुई। बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ आज की बैठक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए यह वार्ता बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा- आज जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक एक विकसित और प्रगतिशील जम्मू कश्मीर की दिशा में चल रह प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया तेज गति से पूरी होनी है ताकि वहां विधानसभा चुनाव कराए जा सकें और एक निर्वाचित सरकार का गठन हो सके जो प्रदेश के विकास को मजबूती दे। जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट कर यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता केंद्रशासित प्रदेश में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है।

बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर के नेता कल से ही दिल्ली पहुंच रहे थे। इस बैठक में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 से ज्यादा नेताओं को आमंत्रित किया गया था। बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने पीएम मोदी के सामने पांच मांग रखी है।

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भी आर्टिकल 370 का राग अलापा और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद बहुत मुश्किलों में हैं। वे गुस्से में हैं, परेशान हैं और भावनात्मक रूप से टूट चुके हैं। वे आर्टिकल 370 की बहाली चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा- हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठकर अपने विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता है। मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं को उनकी आकांक्षाओं को पूरा करना है।

प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने पीएम मोदी के सामने पांच मांग रखी, जिसमें जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने, लोकतंत्र की बहाली के लिए अविलंब विधानसभा चुनाव कराने, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई और डोमिसाइल नियमों की मांग शामिल है।

 

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