जल जीवन मिशन: श्रीनगर और गांदरबल के सभी घरों को मिला नल जल कनेक्शन

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर संघ शासित क्षेत्र के गांदरबल और श्रीनगर जिलों में हर परिवार को नल जल कनेक्शन मिल गया है तथा अब हर परिवार को अपने घरों में पाइप से पीने योग्य पानी मिल रहा है। संघ शासित क्षेत्र 2022 तक जेएंडके के हर ग्रामीण परिवार को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को 100 प्रतिशत हासिल करने की योजना पर काम कर रहा है। इन दुर्गम इलाकों में इस प्रकार के कार्य से ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रति वहां के लोगों और सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है। जम्मू और कश्मीर में 18.17 लाख ग्रामीण परिवारों में से, 8.66 लाख (48 प्रतिशत) नल जल कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है। जम्मू और कश्मीर की 2020-21 के दौरान 2.32 लाख घरों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है।

राज्यों के साथ भागीदारी में लागू किए जा रहे केन्द्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। मिशन का उद्देश्य प्रत्येक गांव/ बस्ती में हर परिवार को एक सक्रिय नल कनेक्शन और ‘कोई भी पीछे न छूटे’ सुनिश्चित करना है। केन्द्र सरकार के दूरदराज के क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों, सीमावर्ती क्षेत्रों आदि में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर के साथ यह मिशन प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए सुरक्षित पेयजल की बुनियादी जरूरत को पूरी करने की दिशा में कोशिश करता है।

चूंकि, इस विकेन्द्रीयकृत और मांग आधारित कार्यक्रम की आत्मा सामुदायिक भागीदारी है, इसलिए इसमें गांव में जल आपूर्ति योजनाओं से लेकर उसके परिचालन और रखरखाव की योजना पर जोर दिया रहा है। हर गांव को एक इकाई के रूप में लिया गया है और स्थानीय पेयजल स्रोतों को मजबूत बनाने; नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए गांव के भीतर जल आपूर्ति अवसंरचना; उत्सर्जित जल का शोधन और पुनः उपयोग; और जल आपूर्ति प्रणालियों का परिचालन एवं रखरखाव जैसे अनिवार्य अंगों के साथ स्थानीय समुदाय की भागीदारी के द्वारा हर गांव के लिए पांच साल की ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार की जा रही है, जिससे हर परिवार को नियमित रूप से और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। संघ शासित क्षेत्र में 6,877 गांवों के लिए ग्राम कार्य योजनाएं तैयार कर ली गई हैं।

सभी गांवों में जल जीवन मिशन को वास्तव में एक जनांदोलन बनाने के लिए समुदाय को एकजुट करके आईईसी अभियान चलाया जा रहा है। संघ शासित क्षेत्र की 98 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में से 20 प्रयोगशालाओं को वर्तमान वर्ष में एनएबीएल की मान्यता दिलाने की योजना है। सुधारात्मक उपाय करने को जल की गुणवत्ता की जांच के लिए सामुदायिक स्तर पर क्षेत्रीय परीक्षण किट उपलब्ध कराई जाएंगी।

एक साल से भी कम समय में, जिसका कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के साथ ही बंदिशों के बावजूद 25 दिसंबर, 2019 को कार्यान्वयन शुरू हो गया था, देश के लभग 2.80 करोड़ घरों में नल जल कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। इसके साथ, देश के लगभग 6.03 करोड़ घरों (32 प्रतिशत) को अभी तक उनके घरों में नल से जल आपूर्ति मिल रही है। प्रत्येक वर्ष, 3 करोड़ से ज्यादा परिवारों को नल जल कनेक्शन दिए जाने हैं। जल जीवन मिशन को इस गति से लागू किया जा रहा है।

अभी तक एक राज्य गोवा, जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर और गांदरबल के दुर्गम इलाकों सहित 18 जिलों व हिमाचल प्रदेश के लाहौल एवं स्पीति तथा 423 से ज्यादा विकासखंड, 33 हजार ग्राम पंचायत और 60 हजार गांवों में 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जा चुका है। इससे सर्व-समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का पता चलता है और इससे कोई भी वंचित नहीं रहा है।

 

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