कोरोना काल में खुले केदारनाथ के कपाट

शिवानी रजवारिया

नई दिल्ली: उत्तराखंड में स्थित महादेव के गंगोत्री, यमुनोत्री बद्रीनाथ, ज्योतिर्लिंग केदारनाथ चार धामों में सबसे पवित्र तीर्थों में से एक माना जाता है। उत्तराखंड में यह मंदिर हर साल सर्दियों में 6 महीने के लिए बंद रहता है। बुधवार की सुबह 6:10 पर केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए है। कोरोना महामारी के कारण यह पहली बार हुआ जब बिना भक्तों की मौजूदगी में मंदिर के कपाट खोले गए।

कपाट खुलने के बाद मंदिर के पुजारी ने बाबा केदारनाथ की डोली की पूजा की और मंत्र उच्चारण करने के बाद मंदिर के कपाट खोले। मंदिर में सबसे पहले देश व राष्ट्र की उन्नति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पूजा की गई। पूरे विश्व के लिए कोरोना संकटकाल से बाहर निकलने और आरोग्यता की प्रार्थना की गई। पूजा के दौरान मुख्य पुजारी सहित मंदिर 16 लोग मौजूद रहे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पूजा अर्चना की सभी विधियों को पूरा किया गया।

हर साल केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु व साधु संत केदारनाथ धाम पहुंचते हैं और उस पल के साक्षी बनते हैं पिछले साल भी 3000 से ज्यादा लोगों ने कपाट खुलने के बाद बाबा के दर्शन किए थे। इस साल लॉक डाउन के चलते सभी नियमों का पालन करते हुए मंदिर के कपाट खोले गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब बिना भक्तों के बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना की गई है। पूरे देश में फैले कोरोना वायरस के कारण प्रशासन ने भक्तों को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी है। इस साल एक सीमित संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सभी नियमों का पालन करते हुए मंदिर के पुजारी,साधु संत ही मंदिर में मौजूद रहेंगे। मंदिर में केवल भोग, दोपहर का श्रंगार और सांयकालीन आरती ही होगी। हर साल मंदिर को भव्य फूलों से सजाया जाता है पूरा केदारनाथ धाम बाबा के नाम से गूंजता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी श्रद्धालुओं को बाबा केदारनाथ के धाम के कपाट खुलने की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा, सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं। आपका मनोरथ पूर्ण हो, बाबा केदार का आशीष सभी पर बना रहे, ऐसी मैं भगवान केदारनाथ से कामना करता हूं। कोरोना महामारी के इस वैश्विक संकट में हम बाबा केदार की आराधना घर में रह कर ही करें, सोशल डिस्टेंसिंग का अवश्य अनुपालन करें, घर में रहें, सुरक्षित रहें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *