जल जीवन मिशन के तहत किया बढ़िया काम तो केंद्र ने दी सात राज्यों को 465 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत कई राज्यों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है जिसके कारण केंद्र की सरकार ने इन राज्यों को को 465 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी है। इन राज्यों में शामिल हैं अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, गुजरात और हिमाचल प्रदेश। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन राज्यों के लिए प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन के रूप में 465 करोड़ रुपयों की राशि मंजूर की।

प्रत्येक ग्रामीण घर को 2024 तक नल के जरिये पानीकी आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन (जेजेएम)-हर घर जल के तहत सात राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, गुजरात और हिमाचल प्रदेश ने 2020-21 में प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन अनुदान के लिए योग्यता प्राप्त की।

प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन अनुदान के लिए मानदंड में जेजेएम के तहत भौतिक और वित्तीय प्रगति, पाइप से जल आपूर्ति योजना का संचालन और निधि का उपयोग करने की क्षमता शामिल थी।

कोविड-19 महामारी, उसकी वजह से लगे लॉकडाउन और रोक के बावजूद, जमीनी स्तर पर जल जीवन मिशन के तेजी से कार्यान्वन ने एक मिसाल कायम की है और वित्तीय वर्ष के दौरान, 3।16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण घरों को नल से पानी के लिए कनेक्शन प्रदान किए गए। वर्तमान में, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा और तेलंगाना राज्य ‘हर घल जल’ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं और देश के 55 जिलोंऔर 85 हजार गांवों केप्रत्येक घर में नल से पानी की आपूर्ति हो रही है।

15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से अब तक, चार करोड़ घरों को नल से पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार देश में नल से पानी की आपूर्ति 3।23 करोड़ (17%) ग्रामीण घरों से बढ़कर 7।20 करोड़ (37।6) से ज्यादाग्रामीण घरों तक पहुंच गई है। यह ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में स्वच्छ पेयजलउपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे कार्य की गति और पैमाना है।

गुजरात सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से है जो कि हर घर में नल से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन का कार्यान्वन कर रहा है। गुजरात ने 2002 में विकेंद्रीकृत, मांग आधारित और सामुदाय प्रबंधित जल आपूर्ति कार्यक्रम शुरू किया था और इस क्षेत्र में एक मॉडल बन गया। गुजरात, जिसे रोड टैंकर्स और यहां तक कि ट्रेनों के जरिये पानी की आपूर्ति के लिए जाना जाता था, उसने पानी की कमी कोबीते वक्त की बात बना दिया। पिछले दशक में पानी की कमी का सामना करने के बाद, हिमाचल प्रदेश सरकार ने जल जीवन मिशन के लॉन्च के साथ ही, ग्रामीण घरों में नल से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गांवों के हिसाब से योजना बनाई और उसका कार्यान्वनकिया।

उत्तर पूर्वी राज्यों ने पहाड़ी इलाकों और वन क्षेत्रों के बावजूद जेजेएम का तेजी से कार्यान्वन किया। यह पहली बार है कि जब 5 उत्तर पूर्वी राज्यों ने प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन अनुदान के लिए योग्यता प्राप्त की। यहजल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल जीवन मिशन के कार्यान्वन के जरिये जल आपूर्ति में सुधार पर फोकस का परिणाम है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कार्यान्वन में तेजी लाने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के कई दौरे किए और समीक्षा बैठकें भी कीं। जल शक्ति मंत्रालय के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने इन राज्यों की मदद के लिए विशेषज्ञों की कई बहुविषयक टीमें भेजीं ताकि वे बेहतर योजना बना सकें और उनका तेजी से और स्तरीय कार्यान्वन कर सकें। जेजेएम के तहत,ये उत्तर पूर्वी राज्य प्रदर्शन के मामले में सर्वश्रेष्ठ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं।

जल जीवन मिशन के तहत प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन फंड के प्रावधान ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा की है, जो जीवन में बदलाव लाने वाले इस मिशन के तेजी से कार्यान्वन और सुनिश्चित जल आपूर्ति में मदद करता है। इस मिशन का उद्देश्य देश के लोगों केलिए जीवन की सुगमता में वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए 2024 तक हर ग्रामीण घर के लिए नल से पानी का कनेक्शन प्रदान करना है।

इस मिशन के तहत, हर घर में सिर्फ बुनियादी ढांचा बनाने के बजाय पेयजल की आपूर्ति पर फोकस शिफ्ट किया गया है। जन स्वास्थ्य इंजीनियरों और स्थानीय समुदाय की क्षमता निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण और कौशल कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि प्रत्येक ग्रामीण घर में नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।मिशन में परिकल्पना की गई है कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और ग्राम पंचायत/ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति जनोपयोगी सेवा संस्थान की भूमिका निभाए।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में, जल जीवन मिशन (जेजेएम) के लिए 11,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान कार्य कर रहे घरेलू नल कनेक्शनों औरउपलब्ध केंद्रीय अनुदान और राज्य के हिस्सेके उपयोग के आधार पर प्रदान किए गए।

 

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