चीन ने पहली बार माना, गलवान घाटी में मारे गए थे उसके सैनिक

अभिषेक मल्लिक

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पिछले कुछ महीनों से तनातनी जारी है। चीन के द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगातार घुसपैठ की कोशिश जारी है, जिसका मुंहतोड़ जवाब भारतीय सेना दे रही है।

इन सब के बीच आज पहले बार चीन ने पहली कबूला है कि कुछ दिनों पहले हुए भारतीय और चीनी सेना बीच गलवान घाटी की झड़प में उसके सैनिकों यानी चीनी जवानों की भी मौत हुई थी। इससे पहले तक चीन इस बात को मानने से हमेशा इनकार कर रहा था की झड़प में चीन के सैनिकों का भी काफी नुकसान हुआ है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स, जिसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार का मुखपत्र माना जाता है, के संपादक ने माना है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में चीन की सेना को नुकसान पहुंचा था और कुछ जवानों की जान भी गई थी।

ये कबूलनामा चीनी सरकार को बेनकाब करता है। ग्लोबल टाइम्स अखबार के प्रधान संपादक हू शिजिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान को ट्वीट कर लिखा कि उनकी जानकारी के अनुसार गलवान घाटी की झड़प में चीनी सेना के जवानों की मरने वाली संख्या भारत के 20 शहिद जवान के आंकड़े से कम थी। यानी चीनी सैनिकों को भी आहत जरूर हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने चीन के एक भी सैनिक को बंदी नहीं बनाया था, जबकि चीन के द्वारा उस दिन ऐसा किया गया था।
ख़ास बात ये है कि ग्लोबल टाइम्स चीन की सत्तारूढ़ दल यानी कम्युनिस्ट पार्टी का ये आधिकारिक अखबार पीपुल्स डेली के द्वारा प्रकाशित किया जाता है। शिजिन ने ट्वीट के साथ एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें मीडिया के हवाले से बताया गया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि झड़प के दौरान भारत ने चीनी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया था। जो अब चीन ने खुद ये बात स्वीकार किया है।

हालांकि चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद से कहा कि मैं देश के 130 करोड़ लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम देश का मस्तक किसी भी कीमत पर झुकने नहीं देंगे और न ही हम किसी का मस्तक झुकाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सेना ने गलवान में चीन को भारी नुकसान पहुंचाया। राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन की कथनी और करनी में फर्क है।

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