सरकार के साथ किसानों की बैठक खत्म, कुछ मांगों पर हुई सहमति

फोटो: साभार ट्वीटर

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आज एकबार फिर से किसान नेताओं और सरकार में मंत्रियों के बीच बातचीत हुई जिसका नतीजा कुछ भी नहीं निकला। हालांकि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि एजेंडे में से 50 प्रतिशत चीजों पर सहमति बन गई है। दोनों पक्षों के बीच अच्छे माहौल में बीतचीत हुई। उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठन दो नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति हुई कि अगली दौर की बातचीत अब अगले साल में 4 जनवरी को होगी।

पिछले एक महीने से देश के विभिन्न हिस्से से आये किसानों का प्रदर्शन आज 35वें दिन में प्रवेश कर चुका है। बैठक के दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजन के लिए मुआवजे की मांग की है। चर्चा के दौरान, सरकार के प्रतिनिधियों ने किसान नेताओं से कहा कि तीनों कृषि कानूनों के बारे में किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है।

किसानों के साथ बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल विज्ञान भवन में मौजूद थे। बातचीत से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया था कि सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। एक तरह किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी मांग को लेकर अड़े हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार भी अपने स्टैंड पर कायम हैं।

इस बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ चार में से पर्यावरण समेत 2 मुद्दों पर सहमति बनी है। पराली और बिजली बिल को लेकर किसान संगठनों की मांगें मान ली गई है और अब अगले दौर की वार्ता 4 जनवरी की दोपहर 2 बजे बुलाई गई है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार ये बात कहती आ रही है कि एमएमपी जारी रहेगी। हम इसे लिखित में देने को तैयार हैं। लेकिन, किसान संगठन ऐसा महसूस करते हैं कि एमएसपी को कानूनी दर्जा दिया जाए। इसलिए, हम एमएसपी के कानूनी पहलुओं और अन्य मुद्दो पर 4 जनवरी को दोपहर 2 बजे चर्चा होगी।

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