पांच साल संविदा का रिपोर्ट कार्ड दिलाएगा अब सरकारी नौकरी

शिवानी रज़वारिया

सरकारी नौकरी पाने की लाइन में अगर आप खड़े हैं, तो सरकार के नए विचारों और नीतियों को जानना जरूरी है। सरकारी नौकरियों को सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाने वाला दौर बदलाव पर हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार और सरकारी पदों पर 5 साल तक कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्त करने का मन बना रही है। प्रदेश सरकार समूह ‘ ख ‘व समूह ‘ ग ‘ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। ग्रुप बी और ग्रुप सी के कर्मचारियों को 5 साल के लिए संविदा के आधार पर नियुक्त कर सकती है। इन 5 सालों में सरकारी सेवकों को सरकारी सेवाओं संबंधित लाभ नहीं मिलेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं जानकारी के मुताबिक संविदा के कर्मचारियों द्वारा संविदा के समय अंतराल में किए गए कार्य की जांच कड़ाई से की जाएगी और इसी के आधार पर उन्हें आगे के लिए चयनित किया जाएगा। यानी आप सरल शब्दों में यह समझ सकते हैं कि संविदा के 5 साल का रिपोर्ट कार्ड आपको सरकारी नौकरी का तमगा दिलाएगा।

सूत्रों के अनुसार शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष रखने का विचार कर रहा है।जिस पर विभागों से इस पर राय मशवरा लेना भी शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से चयन होकर आए संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार 1 या 2 वर्ष के लिए प्रोबेशन पर नियुक्त करती है। पर इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन भी मिलता है और सरकारी अन्य लाभ भी दिए जाते हैं और वे सभी वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं और नियम अनुसार अपनी जिम्मेदारी को निभाते हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा 5 वर्ष संविदा भर्ती के विचार से मौलिक नीति की कार्यवाही से समूह ख और समूह ग की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी। नई व्यवस्था के अनुसार 5 सालों में इनका छमाही मूल्यांकन भी किया जाएगा। जिस में प्रतिवर्ष 60% से कम अंक पाने वाले इस सेवा से बाहर हो जाएंगे। जो शर्तों के साथ 5 वर्ष पूरी सेवा कर सकेगा उन्हें ही मौलिक नियुक्ति दी जाएगी।इसे सरकारी विभाग समूह ‘ ख ‘एवं ‘ग’ के पदों पर नियुक्ति (संविदा पर ) एवं विनियमितीकरण नियमावली 2020 कहा जाएगा। इतना ही नहीं अनुकंपा पर नौकरी पाने वाले आश्रित भी इसी कठिन शर्त के आधार पर स्थायी किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा और उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस सेवा के माध्यम से आने वाले कर्मचारी इस दायरे में नहीं आएंगे इसके पीछे का कारण यह है की सबसे ज्यादा कर्मचारी सी ग्रेड के होते हैं और इसके बाद ही बी और डी ग्रेड का नंबर आता है।तो राज्य के बहुसंख्यक कर्मचारी इस दायरे में आ जाएंगे, सिर्फ श्रेणी ए के अफसर व डी ग्रेड के चतुर्थवर्गीय कर्मी इससे बाहर रहेंगे।

केंद्र सरकार ने इससे पहले 1 जुलाई के बाद रिक्त हुए सभी पदों के लिए नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को 50 साल की उम्र के बाद कुछ शर्तों के साथ सेवानिवृति दी जाने की बात की है।

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