कोविड प्रोटोकॉल का पालन ही सबसे कारगर है कोरोना से बचने में : डौ सुरेखा किशोर

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: त्यौहार का मौसम शुरू हो चुका है। कोरोना के दैनिक मामले भी कम दिख रहे हैं। बाजारों में भीड़ दिख रही है। पोस्ट कोविड के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को क्या करना चाहिए ? इसी मुद्दे पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स) गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ सुरेखा किशोर से विस्तृत बात की गई। पेश है उस बातचीत के प्रमुख अंश :

  1. त्यौहारों का सीजन शुरू होने वाला है। इन दिनों बाजार में काफी चहल पहल रहती है।  ऐसे में कोविड प्रोटाकॉल  का पालन करना कितना जरूरी है ?

    जबावः- इस बारे में जानकारी देना चाहूंगी कि कोरोना महामारी के मामले भले ही कम हुए हैं, लेकिन बीमारी समाप्त नहीं हुई है। ये बीमारी अभी भी चल रही है। इसके लिए देश और दुनिया के वैज्ञानिक जानते हैं कि ऐसा हो सकता है कि तीसरी लहर आए और पहले की तरह रूप धारण कर ले। जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना का स्ट्रेन बदल रहा है और जब भी यह बीमारी अपना स्ट्रेन बदलती है, तो महामारी का रूप धारण कर लेती है। उस समय में संक्रमितों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा होने लगता है। फ़िलहाल कोरोना के मामले कम हैं। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि बीमारी ख़त्म हो गई है। वहीं, हमारा देश त्योहारों का देश है। आने वाले समय में कई त्यौहार हैं। इस दौरान लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। साथ ही लोगों को भी सतर्क और जागरुक रहने की जरूरत है। इसके लिए जब कभी घर से बाहर निकलें, तो मास्क हमेशा लगाकर रखें। मास्क का इस्तेमाल बिलकुल न छोड़ें। शारीरिक दूरी का पालन करें। साथ ही अपने हाथों को नियमित अंतराल पर सैनिटाइज करें। इसके अलावा, जब कभी समय और सुविधा मिले, तो अपने हाथों को साबुन और साफ पानी से जरूर धो लें। एक चीज का अवश्य ध्यान रखें कि त्योहारों में भीड़ इकठ्ठा न करें। घर पर ही त्योहारों को मनाएं। जितना हो सके, घर से बाहर कम से कम जाएं और बाहर स्पिटिंग (थूकना) बिल्कुल न करें। इन नियमों का पालन करने से हम सब सुरक्षित रह सकते हैं।
    2. सवालः- कोविड -19 से ठीक हुए लोगों में किस तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ज्यादा देखी गयी है और ऐसी समस्याएं क्यों देखे जा रही हैं ?

    जबावः-कोरोना से ठीक होने वाले संक्रमितों में कुछ साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं। ये बीमारी ठीक होने के बाद भी होती हैं। ये बीमारियां और जटिलताएं कोरोना होने के कुछ सप्ताह बाद आती है और ठीक होने के बाद महसूस होती है। कोरोना से रिकवरी के बाद संक्रमितों को थकान बहुत महसूस होती है। सांस लेने में भी कठिनाई होती है, हल्की खांसी हो सकती है, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सिरदर्द, सीने में दर्द, दिल की धड़कनें बढ़ सकती है। साथ ही संक्रमितों को खड़े होने पर कमजोरी की वजह से चक्कर भी आते हैं और स्वाद या गंध में कमी आती है। इसके अलावा, हमने नींद, मनोभ्रम और तनाव या अवसाद की समस्या भी नोटिस की है। यह सामान्य बात है। इसमें ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। चूंकि बीमारी की वजह से कमजोरी होने या पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ितों में कोरोना रिकवरी के बाद होने वाले लक्षण देखे गए हैं। इसके लिए डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

    3. कोविड -19 से ठीक होने के बाद लोगों में सांस संबंधी परेशानियां, लगातार थकान, कमजोरी, चिंता और तनाव, सीने में दर्द, हृदय संबंधी रोगों का खतरा, पार्किंसंस और अल्जाइमर रोग की समस्या, स्ट्रोक, अनिद्रा, स्मरण शक्ति कमजोर होना, बहुत जल्द थक जाना, ब्रेन फॉग यानी मनोभ्रम, सुखी खासी, सांस फूलना और सिर में दर्द देखे गए?  इतनी सारी बीमारियां क्यों और जिनको ये परेशानियां हुई हैं, उन्हें अभी किस तरह से अपने आपको सुरक्षित करना चाहिए?

    जवाबः- श्वसन तंत्र के जरिए कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करता है और शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है। जब यह बीमारी किसी मरीज में गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है, तो शरीर के सभी अंगों को नुकसान पहुंचाती है। इसी वजह से ये सभी लक्षण फेफड़े, किंडनी, त्वचा आदि पर दिखाई पड़ते हैं। यह एक प्रकार से ऑटोइम्यून स्थिति होती है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। इससे हेल्दी ऊतक भी प्रभावित होती है। इस वजह से ऊतकों में सूजन हो सकती है या किसी प्रकार की हानि हो सकती है। इसी तरह के लक्षण कोरोना में पाए जाते हैं, जो अन्य ऑटोइम्यून बीमारी में होते हैं।

    4. ऐसे मरीज क्या करें, जिन्होंने कोविड -19 को तो हरा दिया पर अब इनसे लड़ रहे हैं?

    जवाबः- कोरोना की जटिलताओं और समस्याओं पर शोध अभी भी जारी है। देश और दुनिया के वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं। कोरोना वायरस की जटिलताओं को रोकने का सबसे सरल तरीका है। आप खुद को कोरोना की बीमारी होने से बचाएं और दूसरों को भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही पीएम मोदी के प्रयासों को सफल बनाएं और कोरोना वैक्सीन जरूर लगवाएं। इसके लिए दोनों डोज लें। इससे कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए दोनों चीजें जरूर करें।

    5. सवालः- किसी भी तरह की समस्याओं पे कैसे नजर रखें, कौन से वो बदलाव जो शरीर में देखें जाएं, तो उनके ऊपर तुरंत ध्यान देना जरूरी है?

    जवाबः-  कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा था। इस दौरान लोग कोरोना के लक्षणों से सावधान थे। साथ ही आवश्यक सावधानियां भी बरत रहे थे। वहीं, अब कोरोना के मरीजों की संख्या कम है, तो लोग कोरोना के बदलते स्ट्रेन से अनजान हैं। हालांकि, वर्तमान समय में भी अलर्ट रहने की जरूरत है। कोरोना संक्रमित मरीजों में कई नई बीमारियों भी देखने को मिली हैं। इनमें ब्लैक फंगस, येलो और व्हाईट फंगस आदि शामिल हैं। साथ ही डायबिटीज और हाइपरटेंशन की जटिलताएं भी बढ़ जाती हैं। इसके अलावा, हमारे वैज्ञानिकों ने जो शोध किए हैं। उनमें यह पाया गया है कि कोरोना के अधिकतर मरीजों में थकान की समस्या रहती है। सांस लेने में तकलीफ होती है, सीने में दर्द होती है, नींद में परेशानी आती है, एकाग्रता का अभाव भी हो सकता है। स्वाद और गंध समझने की क्षमता कम हो जाती है। इन समस्यायों के लिए डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार करवा सकते हैं।

 

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