भारत में कोरोना को लेकर मिली बड़ी राहत, यूरोपीय प्रजाति से लड़ना हुआ आसान

अभिषेक मल्लिक

बीते कुछ दिनों से देश में कोरोना अपने चरम पर है, लेकिन कोरोना वायरस को लेकर एक राहत देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में देश में जो कोरोना का प्रारूप सबसे ज्यादा फैला हुआ है या फैल रहा है, वह चीन के वजाय यूरोप से आई है। इसमें राहतवाली ख़बर यह है कि पहले यानी जब भारत में कोरोना की शुरूआत थी तब देशभर में कोरोना की अलग-अलग प्रजातियां मौजूद थीं, लेकिन वर्तमान में एक ही तरह की प्रजाति ज्यादा है, जिससे लड़ना पहले से ज्यादा आसान होगा।

रिपोर्ट में इसकी वज़ह सरकार के द्वारा लगाया गया लॉकडाउन को बताया गया है। रिपोर्ट में गया है कि भारत सरकार ने जो लॉकडाउन लगाया उससे वायरस बड़े पैमाने पर नही फैला, हालांकि अभी की हालात में कोरोना 50 हज़ार से अधिक का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ रहा है। देश में यूरोप से आए ज्यादा कोरोना की रिपोर्ट डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलिजी ने तैयार की है जिसे बीते शनिवार को हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन को सौंपा गया।

रिपोर्ट में कोरोना की प्रजाति के बारे में बताते हुए कहा गया है कि A2a होलोटाइप ने पहले से मौजूद दूसरे होलोटाइप्स को हटा दिया और खुद फैल गया। यानी पहले की जो कोरोना की अलग-अलग प्रजाति जो चीन , ईस्ट एशिया , और यूरोप से आकर देशभर में फैली थी , उसमे अब अधिक मात्रा में सिर्फ A2a प्रजाति फैली हुई , जिससे लड़ना आसान हो सकता है । आपको बता दें कि एक होलोटाइप का मतलब बॉडी के जीन के समूह से है। अगर दुनिया में कोरोना वायरस को देखें तो A2a होलोटाइप, D614G, 19A और 19B स्ट्रेन जैसी कई अलग-अलग प्रजातियां दुनिया में फैली है, जिससे लड़ने में कठिनाई हो रहा है।

भारत में A2a होलोटाइप यूरोप और सउदी अरब से आया है। इससे पहले शुरुआती के दिनों में जब जनवरी में वायरस फैला तो देश में वुहान से आया स्ट्रेन 19A और 19B भी था लेकिन ये केस A2a के मुकाबले कम थे। लेकिन फिलहाल अब देशभर में सिर्फ A2a होलोटाइप ही रह गया। राजधानी दिल्ली में कोरोना की प्रजाति D614G फैला था जिसकी स्थिति में अब काफ़ी सुधार हुआ है, क्योंकि राजधानी में कोरोना के एक्टिव केसों में लगातार कमी आ रही है । इसकी एक और वज़ह भारत में इंटरनैशनल ट्रैवल को बैन करना बताया गया है जिससे वायरस की नई प्रजातियां भारत नहीं आ पाईं।

 

 

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