दिल्ली दंगे के चार्जशीट में हर्ष मंदर का भी नाम 

चिरौरी न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: दिल्ली में हुई हिंसा की चार्जशीट में पूर्व आईएएस अधिकारी से सामाजिक कार्यकर्ता बने हर्ष मंदर का नाम भी है। हर्ष मंदर पर आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण दिए और दिल्ली हिंसा की साजिश रची। हर्ष मंदर ने जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को संबोधित किया था और न्यायपालिका के बारे में अवमानना भरी बातें कही थी।

हर्ष मंदर पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल 16 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इसलामिया के छात्रों के सामने भड़काऊ भाषण दिया था। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि मंदर ने लोगों से कहा कि संसद और सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद करना बेकार है। उन्हें इंसाफ पाने के लिए सड़क पर उतरना होगा। इसके बाद चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने हर्ष मंदर से जवाब दाखिल करने को कहा था।

आज हर्ष मंदर के वकील दुष्यंत दवे ने दावा किया था कि हर्ष मंदर के भाषण को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि हर्ष मंदर ने उस भाषण में न्यायपालिका के लिए कोई अवमानना भरी बात नहीं कही गई थी। दवे ने कहा कि, “मंदर ने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के खिलाफ शिकायत की, इसलिए सरकार उन्हें ही निशाने पर ले रही है। ”
हर्ष मंदर ने 2002 गुजरात दंगों से आहत नौकरी छोड़ दी थी और बाद में वह सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने लगे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान वे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य रह चुके हैं, जिसकी अध्यक्षा सोनिया गांधी थीं।

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