हॉकी कोच का हास्यास्पद बयान 

राजेंद्र सजवान

भारतीय हॉकी टीम के चीफ कोच ग्राहम रीड ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा है कि टोक्यो ओलंपिक के लिए भारत की तैयारी पर्याप्त है। लेकिन पदक से अभी कितनी दूरी पर हैैं तो उनका जवाब था, ‘ओलपिक पदक के लिए जिस स्तर का खेल चाहिए उससे अभी 20 प्रतिशत दूरी पर हैं। कोच साहब के इस आकलन से भारतीय हॉकी प्रेमी हैरान हैं और पूूूछ रहे हैं कि पिछले कई सालों से हमारे खिलाड़ी ओलंपिक पदक की तैयारी में जुटे हैं लेकिन अभी तक पदक के नज़दीक पहुँचने का रास्ता तय नहीं कर पा रहे हैं।

रीड के बयान को दो तरह से देखा जा रहा है। एक तो यह कि वह भारतीय खिलाड़ियों से संतुष्ट नहीं हैं या उन्हें पता चल गया है कि पदक जीतना आसान नहीं है। उनका यह बयान तब आया है जब ओलंपिक के लिए तीन महीने बचे हैं। ज़ाहिर है उन्होने पूर्व विदेशी कोचों की तरह ही पहले से ही बहाने खोजने शुरू कर दिए हैं।

कौन नहीं जानता कि ओलंपिक पदक जीतने के लिए किस तरह की तैयारी चाहिए! खेल चाहे कोई भी हो एक एक सेकंड और हर सेंटीमीटर का महत्व होता है। पीटी उषा और मिल्खा सिह जैसे एथलीट इसी समीकरण के चलते पदक से चूक गए थे। सवाल यह पैदा होता है कि जो हॉकी टीम 1980 के मास्को ओलंपिक के बाद एक कदम नहीं बढ़ा पाई, जिसकी रीढ़ टूटे सालों बीत चुके हैं, उसके लिए शेष 20 प्रतिशत कवर करना कैसे संभव हो पाएगा?

यह सही है कि भारत ने विश्व रैंकिंग में चौथा स्थान हासिल कर लिया है। लेकिन ओलंपिक जैसे मुक़ाबले में रैंकिंग के खास मायने नहीं हैं। यह न भूलें कि ओलंपिक और विश्व कप मुकाबलों में हम अंतिम स्थान पर भी रहे। एक बार तो ओलंपिक में भाग लेने का अवसर भी नहीं मिल पाया। फिलहाल भारतीय टीम कोविड की तमाम बाधाओं के बावजूद बेहतर प्रदर्शन कर रही है। लेकिन यह ना भूलें कि हर ओलंपिक से पहले हमारे खिलाड़ी विजेताओं की तरह खेलते हैं और ओलंपिक गाँव में दाखिल होते ही पता नहीं उन्हें क्या हो जाता है!

उम्मीद की जानी चाहिए कि ओलंपिक तक भारतीय टीम बीस फीसदी होमवर्क भी पूरा कर लेगी और टोक्यो से पदक के साथ लौटेगी। फिरभी रीड के बयान ने हॉकी जानकारों और हॉकी प्रेमियों को असमंजस में तो डाल ही दिया है।

देखना यह होगा कि ओलंपिक के बाद कोच साहब क्या बयान देते हैं। इतना तय है कि उन्होंने अभी से अपना बचाव शुरू कर दिया है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *