हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार से भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी मजबूती: वित्त मंत्री

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में समग्र सुधार से इन्फ्रास्ट्रक्चर में लोगों का भरोसा पैदा करने में मदद मिलेगी और अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने में भी सहयोग होगा। वित्त मंत्री ने आज यहां ‘नए भारत के लिए हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण’ पर वेबिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही। वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने भी वेबिनार में हिस्सा लिया।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि देश को न केवल अल्पकालिक चुनौतियों का समाधान करना है बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था के वापस मजबूत स्थिति में लौटने के सामर्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास को भी सुनिश्चित करना है, जो इन दोहरे उद्देश्यों को हासिल करने की कुंजी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए ऋण गारंटी योजना (एलजीएससीएएस, जिसे सरकार ने उद्योग में बड़े विश्वास के साथ शुरू किया है) पर चर्चा में उद्योग के हितधारकों का शामिल होना बहुत उत्साहजनक है।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने हमारे चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने और उसे मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है जिससे हम इस तरह के किसी भी स्वास्थ्य संकट से मजबूती से निपट सकें।

वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर के बीच सरकार महामारी से प्रभावित रिकवरी को पहले की स्थिति में ला रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार टीकाकरण बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है क्योंकि यही कोविड-19 के खिलाफ एकमात्र पक्की सुरक्षा है।

कोविड-19 की तीसरी लहर को रोकने के प्रयासों पर, श्रीमती सीतारमण ने कहा कि हम सभी को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहे गए इस सरकार के सिद्धांत – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास- की तर्ज पर प्रयास करना होगा और तभी हम इस संकट से मजबूती से उबरने की उम्मीद कर सकते हैं।

वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को सबसे महत्वपूर्ण सहयोग क्षमता, प्रौद्योगिकी, बेहतर सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के बेहतर उपयोग के लिए प्रशिक्षित श्रमशक्ति को बढ़ाना है।

इससे पहले वेबिनार में, वित्तीय सेवा विभाग के श्री देबाशीष पांडा ने सभी प्रतिभागियों के सामने कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए ऋण गारंटी योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की।

नीति आयोग के सदस्य श्री वीके पॉल ने स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता और समान वितरण पर जोर दिया ताकि टियर-2, टियर-3 और टियर-4 शहरों में स्वास्थ्य सेवा तक आसान पहुंच उपलब्ध हो सके।

एलजीएससीएएस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण ने कहा कि यह नॉन-मेट्रो शहरों के लिए लाभकारी है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है। एलजीएससीएएस सबसे अलग और बेहतरीन योजना साबित होगी क्योंकि इसमें मिलकर सहयोग किया जा सकता है और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में चल रही दूसरी पहलों के साथ मिलकर काम किया जा सकता है।

एलजीएससीएएस के बारे में बात करते हुए, एसबीआई के एमडी श्री सी. एस. शेट्टी ने कहा कि यह अपनी तरह की पहली योजना है जहां स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के लिए गारंटी प्रदान की जाती है। श्री शेट्टी ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सरकार की गारंटी वाली योजनाओं पर जानकारी से भरपूर प्रस्तुति दी और सभी प्रतिभागियों को सूचित किया कि एलजीएससीएएस से संबंधित दस्तावेजों के आवेदन और आगे के कार्यों को लेकर काफी सरल प्रक्रिया तैयार की गई है।

खुली चर्चा में डॉ. हर्ष महाजन, अध्यक्ष, हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया; डॉ. राजीब नाथ, फोरम समन्वयक, एआईएमईडी; श्री अयनभ देबगुप्ता, फिक्की और वीना कोहली, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ डायग्नोस्टिक्स मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया ने भी हिस्सा लिया।

वेबिनार के दौरान स्वास्थ्य सेवा उद्योग और बैंकों के 100 से ज्यादा हितधारकों ने विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों को लक्षित करके भारतीय स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

‘कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए 50 हजार करोड़ की गारंटी कवर योजना’ के बारे में

स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता के रूप में, कोविड-19 प्रभावितक्षेत्रों के लिए ऋण गारंटी योजना लाई गई है। एलजीएससीएएस स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे से संबंधित नए प्रोजेक्टों यानी ग्रीनफील्ड प्रोजेक्टों के लिए और विस्तार के लिए यानी ब्राउनफील्ड प्रोजेक्टों के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से लोन की गारंटी प्रदान करता है। इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 30 जून 2021 को मंजूरी दी गई थी। इस योजना के तहत 7.95 प्रतिशत सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों को लक्ष्य में रख कर देश में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। माना जा रहा है कि इससे देश को बहुत जरूरी स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को हासिल करने और कोविड महामारी की दूसरी लहर के बाद रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद मिलेगी। यह देशभर में मेट्रो शहरों से लेकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी जरूरी है। एलजीएससीएएस 100 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ब्राउनफील्ड प्रोजेक्टों के लिए 50 प्रतिशत और ग्रीनफील्ड प्रोजेक्टों के लिए 75 प्रतिशत की गारंटी प्रदान करता है, जिसे 8 मेट्रोपॉलिटन टियर 1 शहरों (क्लास X शहरों) के अलावा शहरी या ग्रामीण इलाकों में स्थापित किया जा रहा हो। आकांक्षी जिलों के लिए ब्राउनफील्ड विस्तार और ग्रीनफील्ड परियोजनाओं दोनों के लिए गारंटी कवर 75 प्रतिशत है। यह योजना 31.03.2022 तक, या स्वीकृत की गई 50 हजार करोड़ की राशि, जो भी पहले हो, पर सभी पात्र ऋणों पर लागू है।

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