नक्शा विवाद के बाद पहली बार भारत-नेपाल ने विभिन्न परियोजनाओं पर की चर्चा

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: नेपाल की संसद के द्वारा कुछ भारतीय क्षेत्रों को अपने नक़्शे में दिखाने से उत्पन्न हुए विवाद के बाद से दोनों देशों में तल्खी आ गयी थी, लेकिन आज तक़रीबन 9 महीनों के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच ऑनलाइन मीटिंग हुई जिसमें भारत का नेपाल में राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने तथा नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी ने अपने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। इसके साथ ही भारत और नेपाल के बीच समीक्षा तंत्र की वार्ता भी पूरी हो गई है।

दोनों शीर्ष राजनयिकों ने डिजिटल बैठक कर भारत की मदद से नेपाल में चल रही विकास संबंधी विभिन्न परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। यह वार्ता नेपाल में चल रही परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया था। जानकारी के मुताबिक, इसमें भारत की मदद से हिमालय क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने बीच नेशनल हाइवे बनाने, इंटिग्रेटेड भन्सार चौकी (सीमा शुल्क) और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने पर भी बात की।

दोनों देशों के रिश्तों में आई तल्खी के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी थी, जिसके बाद यह बैठक हुई है। बता दें कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया गया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। नेपाल ने इसका विरोध करते हुए दावा किया कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है।  इसके कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है।

 

 

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