बाजरा के उत्पादन में भारत अग्रणी स्थिति में होगा

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार खाद्य सुरक्षा के साथ ही पोषण सुरक्षा हासिल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। हैदराबाद स्थित हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एचआईसीसी) में दो दिवसीय “न्यूट्री-सेरियल मल्टी-स्टेकहोल्डर्स मेगा कन्वेंशन 3.0” का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष’ के रूप में घोषित किया है। देश में प्राचीन काल से ही बाजरा के बहुतायत में इस्तेमाल होने की याद दिलाते हुए, केंद्रीय मंत्री ने वर्तमान पीढ़ी से बाजरा जैसे पोषक अनाजों के महत्व को समझने और इसे अपनी दैनिक खुराक में शामिल करने का अनुरोध किया।

श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र की खामियों को दूर करने के लिए 1.5 लाख रुपये के कृषि अवसंरचना कोष के अंतर्गत विभिन्न पैकेज का ऐलान किया है। तिलहनों और ऑयल पॉम की खेती के लिए विशेष मिशन का शुभारम्भ किया गया, जिससे तेलंगाना के किसानों को खासा फायदा होगा क्योंकि यहां की जमीन इन फसलों की खेती के अनुकूल है। श्री तोमर ने कहा कि नई पीढ़ी को कृषि में निवेश को प्रोत्साहित करने और फसलों के लिए लाभदायक उपज सुनिश्चित करने के लिए नए कृषि कानून बनाए गए हैं।उन्होंने कहा, सरकार 10,000 नए कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना के लिए 6,850 करोड़ रुपये व्यय करने जा रही है और इसके परिणाम स्वरूप 86 प्रतिशत किसानों की जिंदगी बदल जाएगी।

इससे पहले, श्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य गणमान्य लोगों ने बाजरा के फूड स्टॉलों का जायजा लिया, जो विभिन्न स्टार्ट-अप्स और मिलेट प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा लगाए गए थे। केंद्रीय मंत्री ने आईसीएआर-आईआईएमआर के विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया।

इस अवसर पर कृषि एवं सहकारिता और किसान कल्याण विभाग में सचिव श्री संजय अग्रवाल, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग में सचिव डॉ. शेखर सी. मांडे, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग में सचिव और आईसीएआर महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, आईसीएआर में डीडीजी व सीएसआईआर डीजी डॉ. टी. आर. शर्मा भी उपस्थित रहे।

बाद में, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने वृक्षारोपण और बीज वितरण कार्यक्रमों में भाग लिया। उसके बाद उन्होंने किसानों और जैव विविधता समूहों के साथ संवाद किया। उन्होंने ग्लास हाउस अनुसंधान सुविधाओं, न्यूट्री-सेरियल साइंस सेंटर, स्टार्टअप फैसिलिटी: मिलेट फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और फ्लैकिंग लाइन्स का शुभारम्भ किया। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और आईसीएआर-आईआईएमआर की बिजनेस इनक्यूबेटर न्यूट्रीहब का भ्रमण किया।

दो दिवसीय कन्वेंशन को आईसीएआर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च (आईआईएमआर), हैदराबाद, यूएन के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) और कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित “अंतर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष, 2023” मनाने के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों की श्रृंखला का ब्लूप्रिंट तैयार करना है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

 

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