शराब के लिए किलोमीटर तक लाइनें, सवाल भी है मुंह खोले

लग गई है भीड ठेको के बाहर

काहे की सोशल डिस्टनसिंग

और क्या करे सरकार?

पुलिस बेचारी हार गई कर कर लाठीचार्ज।

नई दिल्ली। लॉकडाउन में ढील मिली तो लोग शराब दुकानों की तरफ भाग पड़े हैं। दुकानें खुलने से पहले ही लोगों की लाइन लग गयी है। कर्नाटक के बेंगलूरु में तो शराब दुकान के बाहर डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन लग गयी है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आई तस्वीरें देखकर लग रहा है कि शराब कि लिए मारामारी मची है। देशभर में शराब की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। आज से लगभग हर जोन में अलग-अलग नियमों के हिसाब से शराब की दुकानें खुल रही हैं और इसका व्यापक असर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में देखा जा सकता है।

आज सुबह छह बजे से ही दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर स्थित कोंडली में एक शराब की दुकान पर आज सुबह से ही भीड़ देखने को मिल रही है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी धज्जियां उड़ रही हैं। एक बार तो भीड़ इतनी बढ़ गई कि पुलिस को डंडे फटकारने पड़े।सुबह छह बजे से ही शराब की दुकानों के बाहर लंबी लाइन लगी है। लोग सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए बनाए गए गोले में ही खड़े हैं। लोग सिर्फ एक-दो बोतल नहीं बल्कि पेटी की पेटी शराब खरीदकर ले जा रहे हैं।  दिल्ली सरकार ने स्टैंडअलोन की दुकानों, पड़ोस (कॉलोनी) की दुकानों या आवासीय परिसरों की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने के बाद लक्ष्मी नगर के एक शराब की दुकान के बाहर लंबी कतार में खड़े दिखे लोग।

कर्नाटक के हुबली में देशभर में लॉकडाउन 3.0 के बीच सरकार के शराब की दुकानें खोलने के निर्देश जारी करने के बाद, कंटेनमेंट ज़ोन क्लब रोड में लोग शराब की दुकान के बाहर लंबी कतार में खड़े हुए। पुलिस लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवा रही है। दिल्ली सरकार ने स्टैंडअलोन की दुकानों, पड़ोस (कॉलोनी) की दुकानों या आवासीय परिसरों के दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति दी है। इसके बाद लक्ष्मी नगर के एक शराब की दुकान के बाहर लोग लंबी कतार में खड़े दिखे। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी शराब की दुकान के बाहर सुबह से लंबी लाइन लगी है।

बता दें कि सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक सभी ज़ोन में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को मानना दुकानदार के लिए आवश्यक होगा. सिर्फ कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच देश भर की राज्य सरकारों की सबसे पहली प्राथमिकता यह दिख रही है कि किसी तरह से शराब की दुकानें खुलें। असल में उत्पाद शुल्क से ही राज्यों को सबसे ज्यादा कमाई होती है। पिछले करीब डेढ़ महीने से यह कमाई बंद है तभी सरकारों की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है और इसी वजह से उन्होंने यह सुनिश्चित कराया कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की दुकानें जरूर खुलें। सो, उन्हें इसकी इजाजत मिल गई है। जरूरी सामनों के साथ साथ शराब संभवतः इकलौता उत्पाद है, जिसकी बिक्री की हर जोन में इजाजत मिल गई है। पर शराब की दुकानों का खुलना कोरोना वायरस के इस संकट को कई तरह से बढ़ाएगा।

सबसे पहले तो शराब की दुकानों पर शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराना आसान नहीं होगा और जब लोग शराब पी लेंगे तो उसके बाद तो किसी भी नियम का पालन कराना मुश्किल हो जाएगा। शराब लेने के लिए घरों से निकलना ही अपने आप में लॉकडाउन के परपस को फेल करेगा। इसके अलावा यह भी हकीकत है कि लॉकडाउन के समय में घरेलू हिंसा बढ़ी है और बच्चों पर हिंसा भी बढ़ी है। ऐसा तब है, जब शराब पर पूरी तरह से पाबंदी थी। तभी अगर शराब की बिक्री शुरू होने के बाद इस किस्म की घटनाओं में इजाफा हो जाए तो हैरानी नहीं होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *