लंदन के साइंस म्यूज़ियम ने नई जलवायु परिवर्तन गैलरी की घोषणा की

London's Science Museum announces new climate change gallery

  • नई गैलरी का नाम ‘एनर्जी रिवोल्यूशन: द अदाणीग्रीन एनर्जी गैलरी’ है।
  • यह फ्री इंटरैक्टिव गैलरी 2023 में खुलेगी

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: आज लंदन साइंस म्यूज़ियम ने एक ऐतिहासिक नई गैलरी की घोषणा की, जिसमें अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड टाइटल फंडर के रूप में यह जांच कर रहा है कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए दुनिया इतिहास के सबसे तेज़ एनर्जी ट्रांजिशन से कैसे गुजर सकती है। यह घोषणा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा म्यूज़ियम में आयोजित वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन के लिए प्रतिनिधियों के पहुंचने के मौके पर की गई।

गैलरी नवीनतम जलवायु विज्ञान और जीवाश्म ईंधन पर वैश्विक निर्भरता को कम करने के लिए आवश्यक ‘एनर्जी रिवोल्यूशन यानी ऊर्जा क्रांति का पता लगाएगी और ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से आगे लगभग 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के पेरिस लक्ष्यों को हासिल करेगी।

यह जानकारी देते हुए कि हम कैसे रहते हैं और रचनात्मक तथा इनोवेटिव समाधानों को प्रोत्साहित करने के बारे में निर्णय लेते हुए, नई गैलरी में आने वाले लोग देखेंगे कि कैसे डेटा विज़ुअलाइज़ेशन और भविष्य के प्रोजेक्शंस ज्ञान पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। साइंस म्यूज़ियमग्रुप की चेयरमैन डेम मैरी आर्चर बताती हैं कि  ‘हमारे सामूहिक भविष्य की कल्पना करना, जैसा कि यह गैलरी प्रोत्साहित करेगी, हम सभी को एक शक्तिशाली एक्शन प्रोग्राम प्रदान करता है। यह गैलरी दुनिया की सबसे जरूरी चुनौती पर वास्तव में वैश्विक परिप्रेक्ष्य बनाएगी। हम एक गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं, लेकिन भविष्य पूर्वनिर्धारित नहीं है, यह अब भी हमारे हाथ में है कि क्या हम तत्काल और दूरगामी कार्रवाई के लिए आवश्यक गठबंधन बना सकते हैं।’

गैलरी अतीत के उन क्षणों को उजागर करेगी जब एनर्जी फ्यूचर्स की कल्पना की गई थी। उदाहरण के लिए, बिजली से संचालित दुनिया की कल्पना करके ही अमेरिकी आविष्कारक थॉमस एडिसन ने 1882 में दुनिया का पहला सार्वजनिक इलेक्ट्रिसिटी नेटवर्क बनाया था। एडिसन ट्यूब के रूप में प्रसिद्ध मेन केबल ने पहले कोयले से चलने वाले बिजली स्टेशन को लंदन में आस-पास के घरों और व्यवसायों से जोड़ा था। इस क्रांतिकारी नेटवर्क ने आज की बिजली आपूर्ति कै तौर-तरीकों को स्थापित किया। हाल ही में साइंस म्यूज़ियमग्रुप कलेक्शन में शामिल होने के बाद पहली बार प्रदर्शित होने वाली एक दुर्लभ जीवित एडिसन ट्यूब, 2023 में नई गैलरी के खुलने पर आगंतुकों को इस इंजीनियरिंग उपलब्धि पर चकित करेगी।

नए विज्ञान की जानकारी देने के साथ-साथ अतीत और भविष्य की ऊर्जा क्रांतियों की खोज करने के लिए इंटरैक्टिव और डिजिटल स्टोरीटेलिंग तकनीकों की एक रेंज स्थापित करते हुए,  गैलरी साइंस म्यूज़ियम ग्रुप कलेक्शन और लोन्स आकर्षित करेगी। एनर्जी रिवोल्यूशन अग्रणी सोलर एनर्जी डेवलपर, अदाणी ग्रीन एनर्जी द्वारा समर्थित है, जिसका लक्ष्य 2030 तक टाइटल फंडर के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन करने वाली कंपनी बनना है। डेम मैरी ने कहा कि ‘हम इस गैलरी के लिए प्रदान की जा रही महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता के लिए अदाणी ग्रीन एनर्जी के बहुत आभारी हैं।’

अदाणी ग्रीन एनर्जी के चेयरमैन श्री गौतम अदाणी ने कहाकि “हमें एनर्जी रेवोल्यूशन गैलरी का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है। यह गैलरी पता लगाएगी कि समाज कम कार्बन प्रौद्योगिकियों के जरिये भविष्य को कैसे शक्ति प्रदान कर सकता है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी क्रांति उल्लेखनीय रही है। हवा और सूरज की असीम शक्ति विस्मयकारी है और उस शक्ति का दोहन करने की हमारी क्षमता अब हमारे दायरे में है। दुनिया द्वारा स्वच्छ भविष्य के लिए किये जा रहे कार्यों को देखते हु, इस यात्रा के इतिहास से सीखने के लिए बहुत कुछ है, और इस प्रेरणा को दर्शाने के लिए साइंस म्यूज़ियम की टीम से बेहतर कौन हो सकता है।”

जब आविष्कारकों और इंजीनियरों ने पिछले दो सौ वर्षों में भविष्य के परिवहन साधनों को स्थापित करने की कोशिश की, तब इलेक्ट्रिक कारों की कल्पना कई बार की गई। एक प्रारंभिक उदाहरण, बर्सी इलेक्ट्रिक कैब है, जो घोड़े द्वारा खींची जाने वाली टैक्सियों में सुधार के रूप में देखा गया था। वाल्टर बर्सी द्वारा डिजाइन किया गया और 1897 में ग्रेट हॉर्सलेस कैरिज कंपनी द्वारा बनाया गया, यह कैब 9 मील प्रति घंटे की रु्तार से चल सकता था और 30 मील तक की दूरी तय कर सकता था। हालाँकि, यह इलेक्ट्रिक टैक्सी अपने समय से आगे का विचार थी, जिसका परिचालन ब्रेकडाउन और महंगी बैटरी के कारण फायदे का नहीं रहा। यह तो अभी पिछले कुछ वर्षों में ही बड़े पैमाने पर उत्पादित इलेक्ट्रिक वाहनों का सपना साकार हुआ है।

जलवायु परिवर्तन के बारे में हमारी समझ इस अनुमान पर आधारित है कि भविष्य में पृथ्वी की व्यवस्थाएं कैसे बदलेंगी। ये अनुमान दीर्घकालिक वैश्विक अवलोकनों की वजह से संभव हुए हैं जो दर्शाते हैं कि हमारा ग्रह पहले से ही कैसे बदल रहा है। अवलोकनों की एक मौलिक सीरीज 1958 में चार्ल्स डेविड कीलिंग द्वारा शुरू की गई थी, जिन्होंने वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड कॉन्संट्रेशन को मापना शुरू किया था। उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए एयर-सैंपलिंग फ्लास्कों में से एक फ्लास्क नई गैलरी में प्रदर्शित होगा। ये माप दुनिया भर में जारी हैं और हमारे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की निरंतर वृद्धि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं, इसलिए यह फ्लास्क हमारे ग्रह पर मानव द्वारा पैदा किए गए प्रभाव का एक स्पष्ट विजुअल रिमाइंडर है।

एनर्जी रिवोल्यूशन यानी ऊर्जा क्रांति: अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी को चार थीमेटिक खंडों में विकसित किया जा रहा है, और प्रत्येक खंड इस सदी की मुख्य चुनौती पर एक अलग दृष्टि प्रदान कर रहा है:

ऑल्टरनेटिव फ्यूचर्स खंड इतिहास से उदाहरणों का उपयोग उन क्षणों की छानबीन करने के लिए करता है जब लोगों ने विभिन्न प्रकार के एनर्जी फ्यूचर्स की कल्पना, अक्सर संकट के दौरान, की हैऔर ऑल्टरनेटिव फ्यूचर्स एनर्जी शिफ्ट की कहानी भी बताते हैं, जिसने हमारी दुनिया को संवारा है। भविष्य को लेकर अतीत में की गई कल्पनाएं हमें याद दिलाती हैं कि हमारी वर्तमान ऊर्जा प्रणाली ही अपरिहार्य नहीं थी – और कई भविष्य संभव थे।

यह देखते हुए कि कैसे जलवायु वैज्ञानिक पृथ्वी की प्रणालियों को समझने के लिए जटिल जलवायु मॉडल का उपयोग करते हैं, और ये हमें भविष्य के जलवायु प्रभावों के पैमाने और प्रकृति के बारे में क्या बताते हैं, फ्यूचर प्लैनेट भविष्य के वर्तमान अनुमानों पर विचार करता है।

फ्यूचर एनर्जी एंड पावर खंड कम कार्बन वाले भविष्य की तरफ जाने वाले वैश्विक बदलाव का समर्थन करने की क्षमता रखने वाली प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित है और यह पता लगाता है कि परिवर्तन की राहें स्थानीय भौगोलिक, सामाजिक और राजनीतिक कारकों से कैसे प्रभावित होती हैं।

फ्यूचर लिविंग में हम देखते हैं कि कैसे हर किसी का जीवन ऊर्जा प्रणालियों से जुड़ा हुआ है जो यह निर्धारित करती है कि हम कैसे रहते हैं, क्या काम करते हैं और कैसे समस्याओं का समाधान निकालते हैं। यह खंड हमारे ऊर्जा संबंधी भविष्य को प्रभावित करने की लोगों की क्षमता और “न्यायसंगत एनर्जी ट्रांजिशन” की संभावना की पड़ताल करता है जो विकासशील देशों में बेहतर जीवन स्तर को संभव बनाता है।

नई गैलरी एटमॉसफीयर की जगह लेगी, जिसे एक दशक पहले खोला गया था, और जिसे देखने आने वालों की संख्या छह मिलियन से अधिक है।

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