चिराग पासवान की वजह से एनडीए की सीटें कम आयी: सुशील मोदी
चिरौरी न्यूज़
पटना: बिहार विधानसभा के चुनावी नतीजे आ गए हैं और एक बार फिर से एनडीए की सत्ता में वापसी हुई है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से कुछ लोग मायूस है तो कुछ को ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन सीटें कम आई है। हालांकि एनडीए के पास बहुमत से 3 सीटें ज्यादा हैं, लेकिन बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का कहना है कि, अगर चिराग पासवान की एलजेपी ने वोट काटने की राजनीति नहीं की होती तो एनडीए के पक्ष में 150 से 160 सीटें आ सकती थीं।
सुशील मोदी ने एनडीए की सीटें कम आने के लिए साफ़ साफ़ चिराग पासवान को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा है कि अगर चिराग अपनी जिद पर नहीं रहते तो एनडीए की सूरत कुछ और होती शायद हम 150 से 160 तक जा सकते थे।
सुशिल मोदी ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “अगर एलजेपी इस तरह से उम्मीदवार नहीं उतारती तो एनडीए का यह आंकड़ा 150 से 160 सीटों का होता। उनकी वजह से एनडीए को कम से कम 25 से 30 सीटों का नुकसान हुआ है।”
एलजेपी की एनडीए में भविष्य को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में एलजेपी एनडीए का हिस्सा नहीं है, लेकिन केंद्र में उसका क्या रोल होगा यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। सुशील मोदी ने यह भी साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे और इस बात में कोई दो राय नहीं है।
चिराग पासवान के घर-परिवार तक के लोग हार गये
लोक जनतांत्रिक पार्टी के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जो खुद जमुई से सांसद हैं ने बिहार विधानसभा के चुनावों में जोर लगा दिया था कि जेडीयू को नुक्सान पहुँचाया जाय, जिसमें वह कामयाब भी हुए और नीतीश कुमार की पार्टी के खिलाफ उन्होंने जमकर वोट काटे। लेकिन इस चक्कर में उनकी पार्टी के लोग ही अपना सीट गवां बैठे। यहाँ तक की उनके घर परिवार के लोग जो विधानसभा के लिए किस्मत आजमा रहे थे, वह भी हार गए।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज समस्तीपुर से सांसद है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के हाल ही में निधन के कारण संवेदना की लहर की बात की जा रही थी। इसके बाद भी चिराग पासवान के बहनोई मृनाल पासवान उर्फ धनंजय राजापाकर सीट तीसरे नंबर पर रहे। उनको मात्र 24689 वोट मिले। कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी 55299 वोट पाकर जीत गयीं। पारिवारिक सीट रोसड़ा से रामविलास पासवान के भतीजे एवं पूर्व सांसद (स्व।रामचंद्र पासवान) के पुत्र और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रिंसराज के भाई किशन राज भी बुरी तरह हार गये। वह मात्र 22995 वोट लाये।