भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारियों की अब खैर नहीं, मोदी सरकार ने सभी विभागों से मांगा सर्विस रिकॉर्ड

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: अक्सर लोगों की शिकायतें होती है कि सरकारी ऑफिसों में कर्मचारी काम नहीं करते या फिर लोगों की बात नहीं सुनते। अब लगता है केंद्र सरकार अपने भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारियों पर नकेल कसने का मूड बना चुकी है। आज कार्मिक मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में एक आदेश जारी किया है जिसमें सभी विभागों के सभी कर्मचारियों की सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा करने को कहा है। उन सभी कर्मचारियों के रिकॉर्ड को खंगाला जाएगा जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इस आदेश के तहत उन अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचारों के आरोपों की जांच होगी और इसके बाद जो कर्मचारी अयोग्य और भ्रष्ट पाए जाएंगे, उन्हें रिटायर करने के लिए कहा जाएगा।

सरकार ने विभागों से ऐसे कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की भी जांच करने को कहा, जिनको सरकारी सेवा में 30 साल पूरे हो चुके हैं या उनकी उम्र 50 से 55 साल की हो। आदेश में इन कर्मचारियों की अयोग्यता और इन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की भी जांच होगी।

बता दें कि सरकारी कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा फंडामेंटल रूल के तहत की जाती ह।  और सरकार को सार्वजनिक हित में सरकारी कर्मचारियों को रिटायर करने का पूरा अधिकार है अगर उन कर्मचारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होते है। आदेश में कहा गया है, “यह स्पष्ट किया गया है कि इन नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों की समय से पहले सेवानिवृत्ति एक दंड नहीं है। यह ‘कंपल्सरी रिटायरमेंट’ से अलग है, जो केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के तहत निर्धारित दंडों में से एक है।”

इसमें कहा गया है कि सरकार किसी भी समय 50-55 साल की उम्र के सरकारी कर्मचारी या 30 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी को, जैसा भी मामला हो, समय से पहले उसे सार्वजनिक हित में रिटायर कर सकती है।

कार्मिक मंत्रालय ने सभी विभागों से इस तरह की समीक्षा करने के लिए एक रजिस्टर बनाए रखने के लिए भी कहा है। मंत्रालय ने कहा, “50/55 साल के कर्मचारी या 30 साल की सेवा पूरी करने के वाले सरकारी सेवकों का एक रजिस्टर रखा जाना चाहिए। मंत्रालय / विभाग / संवर्ग में एक वरिष्ठ अधिकारी हर तिमाही की शुरुआत में इस रजिस्टर की जांच करेगा।”

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