पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा, सोशल मीडिया पर नहीं कोर्ट के सामने रखिए दलील

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामला पिछले कुछ दिनों से भारतीय राजनीति में छाया हुआ है। इसको लेकर कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाया है। आज मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि, वह सोशल मीडिया पर बहस से बचें।

मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि जो भी याचिकाकर्ता हमारे सामने हैं, वह हमारे सामने ही बात रखें। हमारे सवालों के जवाब दें। अगर मीडिया या सोशल मीडिया पर ही बात रखना चाहते हैं तो अलग बात है। हम बहस के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन आप समानांतर प्रक्रिया न चलाएं। कुछ अनुशासन होना चाहिए।”

इस से पहले सभी पक्षों की बातें सुनने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 16 अगस्त का डेट दिया गया है। पिछले हफ्ते कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वह सरकार को अपनी याचिका की कॉपी सौंपें लेकिन आज केंद्र की तरफ से सॉलिसीटर जनरल ने जानकारी दी कि उन्हें याचिकाएं कल शाम तक मिलती रहीं। उन्हें पढ़ कर सरकार से निर्देश लेने में कुछ वक्त लगेगा। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 16 अगस्त के लिए टाल दी।

बता दें कि मोदी सरकार पर राजनेताओं, पत्रकारों, जजों समेत दूसरे लोगों की जासूसी करवाने के आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते गंभीर कहा था। लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा था कि याचिकाकर्ता आरोपों के समर्थन में कोई ठोस बात नहीं कह पा रहे हैं। उन्होंने सिर्फ मीडिया में छपी खबरों को आधार बनाया है। कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जताई थी कि अगर कोई भी इस बात पर आश्वस्त है कि उसकी जासूसी हुई है, तो उसने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई?

इस से पहले केंद्र सरकार संसद में यह कह चुकी है कि उसने पेगासस बनाने वाले इज़रायल के एनएसओ ग्रुप से कोई सौदा नहीं किया है। उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को भी यही बातें कही जायेगी। लेकिन सॉलिसीटर जनरल ने याचिकाएं देर से मिलने को आधार बनाते हुए कोर्ट से समय मांग लिया।

सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि उन्हें एन राम, जॉन ब्रिटास, परंजोय गुहा ठाकुरता, एम एल शर्मा समेत 9 लोगों की याचिकाएं मिल गई हैं। यशवंत सिन्हा की याचिका अब तक उनके पास नहीं आई है। इस पर कोर्ट ने उन्हें याचिकाओं को देखने और सरकार से निर्देश लेने के लिए समय दे दिया।

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