समर्थ बिहार ने बिहारियों की खोई चेतना को जागृत करने का किया आह्वान

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: ‘समर्थ बिहार’ की बंगलुरु इकाई द्वारा आयोजित वेबिनार में सम्मिलित सभी वक्ताओं ने बिहारियों की खोई हुई चेतना को जागृत करने का आह्वान किया। बिहार को कैसे समग्र समर्थ बनाया जाय इसके लिए सभी महानुभावों ने सुझाव भी दिये और उत्तरदायित्त्व भी लिये।  वेबिनार में शामिल होनेवाले प्रतिभागियों ने माना कि स्वतंत्रता के बाद बिहार का राष्ट्रीय स्तर पर योगदान तो उत्कृष्ट रहा है पर बिहार को अभी तक दूरद्रष्टा (Visionary leadership) नेतृत्व नहीं मिला, परिणामस्वरूप बिहारी अस्मिता या “बिहारी उप-राष्ट्रीयता” नहीं बन सका।

सबने माना कि बिहारियों में आपसी विश्वास की कमी (Trust Deficiency) ने इस भावना को कमजोर किया है। अतः इसे जागृत करने के लिये तकनीकी के उपयोग इस्तेमाल का निर्णय किया गया।  वेबिनार में भाग लेने वाले सभी वक्ताओं ने माना कि कोरोना की कहर, बाढ़ की त्राशदी और मज़दूरों का पलायन की जर्जर स्थिति में बिहार विधान सभा के चुनाव की घोषणा अमानवीय है। अतः बिहार को अपने प्रजातांत्रिक अधिकार पर निर्णय के लिये थोड़ा समय चाहिये।

वक्ताओं ने समवेत स्वर से कहा कि नागरिक समाज की ओर से सभी पक्षों (संवैधानिक और राजनीतिक) से निवेदन करते हैं कि बिहार की वर्तमान विकट स्थिति में चुनाव केवल औपचारिकता मात्र हीं होगी। इस पर निर्णय लेने तथा जन जागरण हेतु श्री विनय झा जी की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया। समिति ऑनलाइन अभियान की रूप-रेखा तय करेगी। इसी क्रम में  बिहार कैडर के भूतपूर्व एवं कर्मठ आईएएस अधिकारी श्री नवीन वर्मा जी ने ‘समर्थ बिहार’ को संगठनिक रूपरेखा देने का प्रस्ताव रखा जिसका सभी लोगों ने अनुमोदन किया। श्री नवीन वर्मा जी ने इस हेतु नीतिगत दस्तावेज बनाने का निवेदन को स्वीकार किया।  बिहारी चेतना को जागृत करने के लिये आयोजित यह वेबिनार  डॉ. बी॰एन॰ झा जी के दूरदर्शिता का परिणाम है।

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