शुद्ध जल पर है सबका अधिकार

waterविजय भगत

जल ही जीवन है, यह सूत्र वाक्य आज का नहीं, सदियों पुराना है। लेकिन अफसोस हम और आप दिल्ली में रहते हैं, लेकिन हमें सरकार की नीतियों और उदासीनता के कारण शुद्ध जल भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। 21वीं सदी में जब हम इसकी बात करते हैं, तो बेहद चिंता की बात है।
बता दें कि केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने दिल्ली समेत देशभर में 20 राज्यों से लिए गए पीने के पानी के नमूने की बहुप्रतीक्षित जांच रिपोर्ट जारी कर दी। राम विलास ने कहा कि यह सिर्फ दिल्ली के लिए पूरे देश में सर्वे किया। भारतीय मानक ब्यूरो (बीएसआई) के साथ बैठक बुलाई और सर्वे किया। उन्होंने कहा कि दो समस्या सबसे बड़ी है एक पीने का पानी और प्रदूषण। हमारा मकसद किसी सरकार को दोष देना है और ना राजनीति करना है। जब तक हमारे पास मंत्रालय है तब तक लोगों को स्वच्छ पानी पीने की व्यवस्था हो जाए। जो भी राज्य सरकार हमसे मदद चाहती है वो हमसे ले सकती है। उन्होंने कहा कि पीने के पानी की जांच तीन चरणों में की जाएगी। पहले चरण में सभी राजधानियों के पानी की जांच की जाएगी। दूसरे चरण में स्मार्ट सिटी के पानी की जांच की जाएगी। तीसरे चरण में सभी जिलों में पीने के पानी की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि हम 2024 तक हर घर में साफ पानी पहुंचाएंगे। हमारी सरकार इस दिशा में काम कर रहे है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता रिपोर्ट में बात सामने आई है कि दिल्ली का पानी खराब है। हम किसी सरकार को दोष नहीं दे रहे हैं लेकिन दिल्ली सरकार यह समझे कि हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहे हैं, बल्कि हमारा मकसद लोगों तक साफ पानी पहुंचाना है।

असल में, गुणवत्ता के पैमाने में प्रति लीटर 900 एमजी टीडीएस पाए जाने पर पानी को योग्य माना जाता है। जबकि प्रति लीटर 300 एमजी टीडीएस वाला पानी सबसे शुद्ध पानी जाता है। वहीं 300 एमजी से 500 एमजी टीडीएस वाले पानी को अच्छा, 600 से 900 एमजी टीडीएस वाले पानी को पीने योग्य माना जाता है। 900 से 1200 एमजी टीडीएस को खराब की श्रेणी में रखा जाता है, तो वहीं 1200 एमजी से अधिक टीडीएस को खतरनाक माना जाता है।
हमारा यही कहना है कि केवल वोट बैंक की राजनीति में लोगों की जान से खिलवाड नहीं किया जाना चाहिए। फ्री पानी के नाम पर अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को जहर पिला रहे हैं। देश के 20 शहरों को पानी पर हुए सर्वे में दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा जहरीला पाया गया। विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार लोगों को साफ पानी तक मुहैया कराने में नाकाम रही है। अरविन्द केजरीवाल को पानी के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिये, क्योंकि पानी से लोगों का जीवन जुड़ा हुआ है। लेकिन जहरीला पानी पीने से लोगों को जल जनित बीमारियां होने लगी हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा वाटर प्यूरीफायर खरीदे जा रहे हैं, लेकिन जो लोग गरीब हैं और वाटर प्यूरीफायर नहीं खरीद सकते हैं वह जहरीला पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। पानी में जहर है, हवा में जहर है, केजरीवाल दिल्ली के लिए कहर है।
हमारा यही कहना है कि हमारे शरीर के लिए साफ पानी पीना बेहद जरूरी है। पानी में गंदगी न हो इसके लिए सबसे पहले तो उसके रंग, गंध और स्वाद से ही उसे जांच लें. अगर पानी का रंग बदला हुआ है या उसमें से गंध आ रही है तो समझ जाइए कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। रंग और गंध ठीक होने के बावजूद यदि आपको इसके स्वाद में कुछ अजीब लगता है तो भी इसे बिल्कुल मत पीजिए। हमारे शरीर के प्रत्येक अंग को पानी की आवश्यकता होती है। हमारी हड्डियां भी इस पानी का उपयोग रोजाना करती हैं। खाना न मिले तो हम 18 दिन तक जीवित रह सकते हैं लेकिन अगर हमारे शरीर को सात दिन तक पानी नसीब नहीं होता तो हमारी मौत निश्चित है। इससे आप समझ सकते हैं कि जल ही जीवन क्यों कहा जाता है।
यदि हमारा ध्यान जल की सुरक्षा की ओर जाए तो पानी के संबंध में भविष्य में आने वाली समस्याओं पर हम विजयी हो सकते हैं। प्रति वर्ष प्रकृति वर्षा के रूप में हमें जल प्रदान करती है लेकिन उस जल की सुरक्षा न करके हम अमूल्य जल को व्यर्थ में ही बह जाने देते हैं। वर्षा कि निरंतर कमी भी होती जा रही है, उसका कारण भी जल का दुरूपयोग ही है। वर्षा की कमी से संरक्षित वन क्षेत्र का विनाश भी एक विशाल समस्या उत्पन्न कर रही हैं। स्थान-स्थान पर प्राकृतिक साधन के रूप में उपलब्ध होने वाले जल स्रोत सूखते जा रहे हैं। वन्य प्राणी पानी की कमी के कारण अपने रहने का स्थान छोड़ने के लिए बाध्य हो रहे हैं। उनका जीवन संरक्षण कठिन हो रहा है। उनकी निरंतर कमी होती जा रही है। उनका जीवन तरह-तरह से स्वस्थ मानव जीवन से जुड़ा हुआ है। इस ओर मनुष्य का ध्यान कम ही जा रहा है, जबकि जल संरक्षण ही जलदान है। एक-एक बूंद जल बचाना लोक जीवन का महान पुण्य है।
एक अग्रणी लेखक क्रिस्टोन वू के अनुसीर पानी में हाइड्रोजन परमाणु अपचायक तथा हाइड्रॉक्साइड (ओ.एच.) ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है। पानी की रासायनिक अभिक्रिया के समय ये ऑक्सीजन छोड़ते हैं। वैज्ञानिकों के कथनानुसार कई विशाल ग्रहों पर हजारों कैल्विन तापमान एवं एक लाख वायुदाब पर पानी के तत्व ऑक्सीजन और हाइड्रोजन उच्च विस्फोटकों की भाँति धमाका करते हैं। पानी अन्य विस्फोटक अभिक्रियाओं को भी तीव्र कर सकता है। वू के अनुसार असाधारण परिस्थितियों में पानी में हाइड्रोजन के अणु तेजी से गति करते हैं। शोधकार्य यहां तक पहुंचा कि अत्यधिक तापमान एवं दाब पानी में हाइड्रोजन और हाइड्रॉक्साइड परमाणु कार्बनिक ईंधन में उपस्थित नाइट्रोजन से ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।
जल के विषय में हर रूप में हमें सावधान रहना आवश्यक है। शुद्ध जल हमारे स्वस्थ शरीर के लिए परम आवश्य है। हमारे पेट से जुड़ी परेशानियों एवं अन्याय समस्याओं के निदान हेतु अधिक जल पीना चाहिए। पानी की सहायता से शरीर में नमी बनी रहती है। जल ही शरीर के अनेक विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है। प्रदूषित जल ग्रहण से बचना अति आवश्यक है। यह हमारे शरीर के टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकाल पाता। दूषित पानी तो स्वयं अनेक रोग उत्पन्न करता है।

(लेखक भाजपा नेता और दिल्ली में निगम पार्षद हैं।)

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