अमेरिका इंडस्ट्री ट्रांजिशन लीडरशिप ग्रुप में हुआ शामिल, स्वीडन और भारत ने किया स्वागत

चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका और राष्ट्रपति जो बिडेन ग्लोबल लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन (लीडआईटी) में शामिल हो गए हैं। इसकी शुरुआत स्वीडेन और भारत के प्रधान मंत्री क्रमशः स्टीफन लोफवेन और श्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में न्यूयॉर्क में आयोजित यूएनएसजी क्लाइमेट एक्शन समिट में की थी। ‘लीडआईटीएस’ का लक्ष्य भारी और अधिक ऊर्जा खपत वाले उद्योगों में जलवायु परिवर्तन के संकट के समाधान पर जोर देना है।
राष्ट्रपति जो बिडेन ने जलवायु शिखर सम्मेलन 2021 में शुक्रवार को यह घोषणा की। स्वीडेन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने कहा, ‘‘संयुक्त राज्य अमेरिका और राष्ट्रपति बिडेन का स्वीडेन-भारतीय पहल लीडआईटी में शामिल होना बहुत खुशी की बात है। पूरी दुनिया में लगभग 30 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए भारी उद्योग और परिवहन क्षेत्र जिम्मेदार है ।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में इन क्षेत्रों की पुनर्संरचना एक आवश्यक कदम है। मैं पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं। हम भारी उद्योग को 2050 तक जीवाश्म ईंधन मुक्त और शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने का बढ़ावा देंगे।

व्हाइट हाउस ने एक ट्वीट में कहा है: लीडआईटी में स्वीडन और भारत के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हो रहा है। यह उद्योग जगत को शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के रास्ते में कार्बन कम करने का बड़ा प्रयास है। हम मिल कर काम करते हुए उद्योग जगत में परिवर्तन कर जलवायु संकट को दूर कर पाएंगे।

भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने ट्वीट किया: वेलकम/पीओटीओएस लीडरशिप ग्रुप फाॅर इंडस्ट्री ट्रांजिशन, लीडआईटी में शामिल होने लिए! जलवायु में सुधार की भारत-स्वीडेन की इस पहल से भारी उद्योग में बड़ा बदलाव आएगा। हमें पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और नई स्थायी रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।

पर्यावरण के मुद्दों पर सहयोग की भारत और स्वीडन की पुरानी परंपरा रही है। हाल में 5 मार्च को उनके वर्चुअल समिट में प्रधानमंत्री लोफवेन और प्रधानमंत्री मोदी ने उद्योगों मंे बदलाव के लिए लीडरशिप ग्रुप आॅन इंडस्ट्री ट्रांजिशन की सदस्यता बढ़ाना जारी रखने पर सहमति दी है और इस समूह को कम कार्बन युक्त स्टील, सीमेंट और कंक्रीट उद्योग लगानेे की रणनीति तैयार करने के लिए भी आमंत्रित किए।

इस घोषणा के बारे में एम्बेसेडर क्लास मोलिन ने कहा, “यह लीडआईटी के लिए एक बड़ा कदम है, जिसकी पहल स्वीडेन और भारतीय प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यवाही शिखर सम्मेलन 2019 में की थी। दोनों प्रधानमंत्रियों ने हाल के वर्चुअल समिट में भी अपनी प्रतिबद्धता दुहराई। अब यूएसए के शामिल होने से आशा है अधिक से अधिक देश और कंपनियां भारी उद्योगों में बदलाव की इस पहल से जुड़ेंगी जिसका लक्ष्य जीवाश्म-मुक्त और कार्बन-न्यूट्रल भविष्य बनाना है।’’

यह लीडरशिप ग्रुप वैश्विक आर्थिक मंच के सहयोग से बनाया गया है और 30 से अधिक देशों और औद्योगिक कंपनियों को एकजुट करता है ताकि वे मिल कर काम करते हुए पेरिस समझौते के लक्ष्यों के अनुरूप 2050 तक जीवाश्म मुक्त और शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करें। स्टॉकहोम एनवायरनमेंट इंस्टीट्यूट (एसईआई) लीडरशिप ग्रुप के सचिवालय का काम करता है।

2021 की कार्य योजना के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को ठोस पहल करते हुए इनोवेशन और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, औद्योगिक परिवर्तन के लिए रोडमैप का विकास और इस बदलाव को तेज करने के नीतिगत उपाय करने हैं। इस ग्रुप के कार्यों और परिणामों की समीक्षा की जाती है और कार्य जारी रखते हुए ग्रुप की वार्षिक उच्च-स्तरीय बैठकों – लीडआईटी के शिखर सम्मेलनों में नए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं।
स्वीडेन के लिए यह लीडरशिप ग्रुप अन्य उद्देश्यों के अतिरिक्त ‘फॉसिल-फ्री स्वीडन’ के कांसेप्ट के माध्यम से सफल कार्य प्रक्रियाओं के प्रसार का वैश्विक मंच है। ‘फॉसिल-फ्री स्वीडन’ का हिस्सा रहीं कई कंपनियां लीडरशिप ग्रुप में शामिल हो गई हैं।

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