आइए, समय रहते संभल जाएं, वरना गिद्धों की नजर है…

  निशिकांत ठाकुर बात उस समय की है, जब भारत पूर्णतः अंग्रेजों के अधीन आ चुका था, लेकिन मराठा का

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समझना है, तो पढना होगा

  निशिकांत ठाकुर पिछले कुछ दिनों से लगातार देश में घटित घटनाओं पर अपनी राय अपने मित्रों के लिए रखता

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भारत भी करे सामरिक शक्ति की मार्केटिंग

निशिकांत ठाकुर समझ नहीं आता कि क्या हमारा देश वाकई इतना कमजोर हो गया है या हमारी विदेश नीति इतनी

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श्रम कानून में सुधार के खतरनाक साइड इफेक्ट

निशिकांत ठाकुर लॉकडाउन तीन अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ कि खबर आने लगी कि फैक्ट्रियों को फिर से

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कोरोना, आर्थिक मंदी और विदेशी साजिश…

निशिकांत ठाकुर वैश्विक महामारी कोविड-19 से उत्पन्न संकट के कारण दुखदायी और अविस्मरणीय लॉकलाउन के बाद तो देश के आम

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भक्षण की प्रचलित राजनीति

निशिकांत ठाकुर शेर को कहां लगता है कि वह अन्य दुर्बल जीव-जंतुओं के प्रति कितना कठोर है। वह तो उसका

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लॉकडाउन का भयावह सच और बिहार की बदहाली

निशिकांत ठाकुर वर्तमान में पूरे देश में विकट स्थिति पैदा हो गई है। देश लॉकडाउन है, यानी आवाजाही ही नहीं,

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लॉकडाउन… मौत की राह में पलायन की अंतहीन पीड़ा

निशिकांत ठाकुर बिहार साधन संपन्न होते हुए भी आज देश का सबसे पिछड़ा राज्य है , क्योंकि राज्य के विकास

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