सरकार की पहली प्राथमिकता है किसानों, प्रवासी श्रमिकों और उपभोक्ताओं का कल्याण: पीयूष गोयल

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली:  केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज यहां ‘उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभागों में की जा रही पहलों’ पर वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित किया।

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के लिए बजटीय प्रावधानों पर बोलते हुए गोयल ने कहा कि सरकार किसानों, प्रवासी श्रमिकों और उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस बजट में गरीबों, किसानों और प्रवासी कामगारों के लिए विशेष प्रावधान हैं, जिन्होंने मुश्किल समय में देश को सहयोग किया।

उन्होंने कहा कि ये उपाय किसानों और उनकी उपज के प्रति मौजूदा सरकार की उच्च प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2021-22 का बजट भारत के विश्वास को व्यक्त करता है और दुनियाभर में ‘आत्मनिर्भरता’ की एक नई लहर को फैलाने के लिए तैयार है।

मीडिया को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ”केंद्रीय बजट 2021 आम आदमी के जीवन को छूता है। बजट उन गरीब लोगों की देखभाल करता है जो पिरामिड में नीचे हैं। यह बजट नए भारत के लिए एक नई उम्मीद जगाता है।”

मंत्री ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में एमएसपी भुगतान 2020-21 के दौरान सबसे ज्यादा था। गेहूं पैदा करने वाले किसानों को 75 हजार करोड़ का भुगतान किया गया, जिससे 43।46 लाख किसानों को लाभ हुआ। 1।54 करोड़ किसानों को धान के लिए 1।72 लाख करोड़ का भुगतान एमएसपी के रूप में किया गया। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पर माननीय मंत्री ने कहा कि सशक्त उपभोक्ता देश को सशक्त राष्ट्र में बदलेंगे।

पीडीएस में डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा कि खरीद, वितरण सबसे पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।

गोयल ने कोविड-19 के दौरान उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत दोनों विभागों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि विभागों ने इस अवधि के दौरान एनएफएसए लाभार्थियों और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण की योजना को सफलतापूर्वक लागू किया।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के कार्यान्वयन की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि इस अधिनियम ने 33 साल पुराने अधिनियम की जगह ली है और यह उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करता है और इसमें शिकायतों के सरलीकरण, विवाद को लेकर अधिनिर्णयन प्रक्रिया और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र सहित कई नई विशेषताएं हैं। श्री गोयल ने कहा कि इस अधिनियम के तहत मिलावटी और नकली सामानों की बिक्री पर कड़ाई से कार्रवाई की जाएगी और यह अधिनियम ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापार आचरण के लिए विनियमन प्रदान करता है।

गोयल ने कहा कि चीनी उद्योग के लिए आवंटन बढ़कर लगभग 6000 करोड़ हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 60 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी है और सब्सिडी के रूप में 6 रुपये प्रति किग्रा गन्ना किसानों के खाते में सीधे भुगतान किया जाता है। अतिरिक्त चीनी का डायवर्जन और इथेनॉल के लिए पेट्रोल के साथ मिश्रित करने के लिए अनाज के इस्तेमाल से गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी और पेट्रोलियम क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।

एक मीडियाकर्मी के सवाल का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में औसतन लगभग 1।5 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन (दोनों अंतर-राज्य और राज्य के भीतर लेनदेन) मासिक आधार पर दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि शेष 4 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल) का संघटन31 मार्च 2021 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन यह ईपीओएस उपकरणों की उपलब्धता और लाभार्थियों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के संचालन के संदर्भ में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की तकनीकी तत्परता पर निर्भर करता है। विभाग इन राज्य/केंद्रशासित सरकारों के साथ निरंतर समन्वय कर रहा है।

एक अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि एनएफएसए ने जरूरतमंद लोगों की खाद्यान्न आवश्यकता का पर्याप्त ध्यान रखा है। सरकार का विजन (आत्मनिर्भर भारत के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए) यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भूखा न सोए। यह देशभर में उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से एनएफएसए लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित कर और वन नेशन वन राशन कार्ड (राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी) के कार्यान्वयन के माध्यम से सुनिश्चित की जा रही है, जो यह पक्का करता है कि सभी प्रवासी आबादी (प्रवासी या फंसे हुए श्रमिक) देश में कहीं भी अपना राशन ले सकती है।

 

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