देश में कोयला संकट को मैनेज करने के लिए पावर मिनिस्ट्री खुद कर रही है मॉनिटरिंग

Power Ministry, monitoring and manage the coal crisisचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: देश भर के थर्मल प्लांटों में कोयले की भारी कमी के कारण आनेवाले दिनों में बिजली की संकट को देखते हुए पॉवर मिनिस्ट्री ने कोर कमिटी बनायी है जो बारीकी से कोल स्टॉक की निगरानी और उसका प्रबंध कर रही है।

यह टीम पॉवर मिनिस्ट्री के साथ तालमेल बैठाकर कोल सप्लाई में सुधार के लिए लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। थर्मल पावर प्लांटों में कोल सप्लाई में सुधार के लिए पावर मिनिस्ट्री कोल इंडिया और रेलवे को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए हैं। बता दें कि पॉवर मिनिस्ट्री ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में पावर सेक्टर को रोजाना तकरीबन 1।6 मीट्रिक टन तक कोयला भेजने की लिमिट को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसे बढ़ा कर 1।7 अब मीट्रिक टन करने का प्रयास जारी है जिससे बिजली के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

इस से पहले कोयला मंत्रालय ने कहा था कि मानसून की वजह से कोयला खदानों में ज्यादा काम नहीं हो सका जिस से कोयला उत्पादन में फर्क पड़ा है। कई राज्यों में मानसून के कारण उत्पादन और सप्लाई पूरी तरह से बाधित हुई है। यही वजह रही कि देश के ज्यादातर थर्मल पावर प्लांटों को समय से पहले कोयले की आपूर्ति नहीं की जा सकी, जिसका असर अब दिखाई दे रहा है।

बताया यह जा रहा है कि  कोयले की कमी की वजह से दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में बिजली संकट बरकरार है। पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर देश में कोयले की संकट पर व्यतिगत हस्तक्षेप करने की मांग की है। कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में बिजली संकट को लेकर एक चिट्ठी प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है।

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