काशी धर्म परिषद के संतों ने पत्थर फेंके जानेवाले मस्जिदों को बंद करने की सरकार से की मांग
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: प्रोफेट मुहम्मद पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के बाद पूरे देश में जुमें की नमाज़ के बाद मस्जिदों से पत्र फेंके जाने से मचे बवाल के बीच काशी धर्म परिषद् के संतों ने ऐसी मस्जिदों को बंद करने की सरकार से अपील की है. देश भर में जैसे हालात है और जुमे की नमाज के बाद जो हिंसा हुई है उसको लेकर संतों ने चिंता व्यक्त की है। संतों की राय थी कि जिस मस्जिद से नमाज़ के बाद भीड़ उगा होती है वहां की मस्जिदों के मौलानाओं की भी सरकार जांच करे.
काशी धर्म परिषद और उससे जुड़े संतों ने जुमे की नमाज के बाद पत्थर फेंके जाने वाले मस्जिदों को पूरी तरह से बंद करने और नूपुर शर्मा को धमकी देने वाले जिहादियों पर एनएसए लगाने की मांग की है।
पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने कहा, “जिहादियों के इस तरह के कृत्यों को स्वीकार नहीं किया जाएगा और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम नूपुर शर्मा को धमकी की कड़ी निंदा करते हैं और सरकार से जिहादियों पर तुरंत रोक लगाने की अपील करते हैं।”
“हम भगवान राम के मार्ग पर चल रहे हैं। हम शांति चाहने वाले हैं। जो हिंसा की जा रही है वह अस्वीकार्य है। सरकार को इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।”
महंत बालक दास ने खेद व्यक्त करते हुए कहा, “देश जल रहा है और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। हिंदू देवी-देवताओं का हर दिन अपमान किया जा रहा है। हम कानून के माध्यम से जिहादियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। हम सभी संप्रदायों, अखाड़ों और नागाओं से बात करने के बाद निर्णय लेंगे।”
“परिषद ने देशव्यापी हिंसा की निंदा करते हुए 16 सूत्री प्रस्ताव पारित किया है। इसे देश भर के धर्माचार्यों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों को भी भेजा जाएगा।”
“प्रस्ताव के मुख्य बिंदुओं की मांग है कि हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले और फिल्मों में मजाक बनाने वाले जिहादियों को जेल भेजा जाए।”
संतों ने जुमे की नमाज के बाद होने वाली हिंसा पर नराजगी जताते हुए कहा है, नफरत फैलाने वाले मौलानाओं को गिरफ्तार कर संपत्ति जब्त की जाए। हर मस्जिद में लगे सीसीटीवी कैमरे, मौलानाओं के भाषण रिकॉर्ड किए जाएं। भड़काऊ बयान देने पर एनएसए लगाया जाना चाहिए।