दुनिया में प्यारा, भारत में हारा ‘टिक टॅाक’

कुमारी मीनू

2020 संभवतः सभी के लिए कष्टकारी रहा है। अगर वर्ष की उपलब्धियों के विषय में बात की जाए तो वह ना के बराबर ही रहा है। देश की सरकार हो, फिल्म स्टार्स हो या आम जनता सभी इस वर्ष अपनी परेशानियों से जूझते रहे हैं। किसी को देश की चिंता तो किसी को नौकरी छूटने की चिंता और किसी को अपने मनोरंजन की चिंता। सभी ने ‘युद्ध स्तर’ पर अपनी परेशानियों से बाहर निकलने का हरसंभव प्रयास किया। परंतु यह वर्ष सबसे अधिक खराब रहा हमारे तथाकथित स्टार्स के लिए जिनके मनोरंजन और पैसे कमाने का साधन ‘टिक टॅाक’ बंद हो गया। ‘टिक टॅाक’ यूजर्स के लिए निसंदेह यह साल बुरा गुजरा।
2020 अपने शुरूआत से ही सूर्खियों में बना रहा। एक ओर शाहीन बाग का मामला चल रहा था तो दूसरी ओर बहुचर्चित ‘निर्भया कांड’ के मामले की अंतिम सुनवाई चल रही थी। देश निर्भया कांड के मामले में जल्द से जल्द निर्णय हो इसकी प्रतीक्षा कर रहा था। वहीं इसी बीच मीडिया में ‘कोरोना वायरस’ के भारत में प्रवेश करने की चर्चा भी बनी हुई थी। इन सब के बीच दुश्मन देश भी भारत को आंखे दिखाने का निरर्थक प्रयास कर रहे थ। लेकिन इन सभी प्रमुख घटनााओं के बीच हमारे तथाकथित स्टार्स अपने धुन में ही लगे हुए थे। उन्हें न तो देश की चिंता थी और ना हीं कोरोना महामारी की। इनको ना तो देश की आर्थिक स्थिति से कोई मतलब था और नहीं दुश्मन देशों द्वारा की जा रही गुस्ताखी से। उनके लिए तो सिर्फ चीनी ऐप ‘टिक टॅाक’ पर वीडियो बनाना और अपनी फैन फाॅलोइंग बढ़ाना था। इन स्टार्स को चिंता थी तो बस अपनी मनोरंजन की। ऐसा नहीं है कि ‘टिक टॅाक’ के दीवाने सिर्फ ये स्टार्स हीं नहीं बल्कि आम पब्लिक भी रही। वैसी पब्लिक जो ‘कोरोना वायरस’ के कारण चीन को कोस तो रही थी लेकिन उसके ऐप के उपयोग में कोई कोताही नहीं कर रही थी। इनके लिए तो ‘टिक टॅाक’ लाकडाउन में मनोरंजन का साधन बन गया था।
चीन एक ओर भारतीय बार्डर पर अपनी नापाक इरादों को फलीभूत करने की कोशिश कर रहा था वहीं दूसरी ओर ‘ड्रैगन’ के द्वारा फैलाए गए ‘कोराना वायरस’ ने चारों ओर त्राहिमाम मचा दिया। इतना ही नहीं चीन ‘टेक्नोलॅाजी’ के माध्यम से भी भारत में ‘सेंधमारी’ कर चुका था। वैसी जनता जो अपनी जानकारी सरकार को देने में झिझकती रही वह ‘टिक टॅाक’ के माध्यम से अपनी सारी जानकारी चीन को खुशी-खुशी दे रही थी। चीन भी इन कमजोरियों को आंक चुका था। ‘डैªगन’ ने ‘टिक टॅाक’ द्वारा भारतीयों को अपने जाल में फांसकर पैसा कमाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। जो ‘टिक टॅाक’ यूजर्स इस ऐप से मनोरंजन के साथ-साथ पैसा कमाने का सपना भी देख रहे थे उन्हें पता ही नहीं चला कि चीन उनको अपने जाल में फंसा बेवकूफ बना रहा था। बेवकूफ बनाए भी क्यों नही, हम स्वार्थी जो हैं। हमें सिर्फ स्वयं का मनोरंजन और आमदनी चाहिए। इससे देश को क्या नुकसान हो रहा है इससे हमें क्या ऐसी सोच ने घर कर लिया है। भलेहीं हम चीन के प्रति अपनी नाराजगी दिखाते हैं लेकिन जाते उसी के पास हैं।
भारत सरकार द्वारा ‘टिक टॅाक’ पर बैन लगान से पहले यह लगभग सभी घर में प्रवेश कर चुका था। भारतीय ‘कोरोना’ ‘चीनी घुसपैठ’ ‘पाकिस्तान की हरकतों’ सहित कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के विषय पर समाचार देखने और सुनने के बजाय ‘टिक टॅाक’ पर अपने वीडियो बनाने को लेकर अधिक सक्रिय दिखाई देने लगे थे।  तरह-तरह के वीडियो और डाॅयलाॅगबाजी में लोगों के समय कटने लगे। इतना ही नहीं ‘टिक टॅाक’ समर्थकों के द्वारा अन्य लोगों को भी इसका प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाने लगा।  मानों चीन ने इन लोगों को अपना मीडिया पार्टनर घोषित कर दिया था। हमारे देश के बाॅलीवुड स्टार्स तो इसमें भी नंबर एक पर थे। चीन के रवैये को देखने के बावजूद भी समाज में उचित स्थान पर पा चुके ये स्टार्स ‘टिक टॅाक’ पर अपने पूरे परिवार के साथ सक्रिय दिखाई दे रहे थे। इन स्टार्स की गिनती की जाए तो आंकड़े कम नहीं हैं। लेकिन इनको क्या, इनको तो सिर्फ अपने से लेना है। देश के उन्नति और परेशानियों से क्या लेना देना। इनके लिए तो यह उक्ति सही होती ‘अपना काम बनता, भार में जाए…’।
मन और मस्तिष से अभी भी वह समय नहीं उतर पा रहा है जब चीन अपने नापाक चालों ं से भारत में अपनी पैठ बनाता जा रहा था और हमसब उसमें फंसते जा रहे थे। देश के बार्डर पर हमारे जवान भारत-माता की रक्षा के लिए अपने प्राण देते जा रहे थे लेकिन कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग इस पर मौन साधे ‘टिक टॅाक’ में लगे हुए थे। देश के बड़े बड़े लोग क्या आम जनता भी इसमें शामिल थे। सभी चीनी ऐप से पैसे कमाने के सपने देखने में लगे थे। इसके पीछे एक और तर्क कि ‘टिक टॅाक’ पर टैलेंट दिखाने का मौका मिलता है। हालांकि इनको नहीं पता कि चीन उनके साथ उनके देश की जड़ों को खोखल करने में लगा हुआ है।
भारत सरकार ने चीन के अप्रत्यक्ष जाल को काटते हुए ‘टिक टॅाक’ पर बैन लगा दिया, जो काबिले तारीफ रहा। ऐसा करके सरकार ने चीन पर कड़ा प्रहार किया और भारतीय ‘टिक टॅाक’ यूजर्स को ‘ड्रैगन’ से बचा लिया। उसी चीनी ऐप ‘टिक टॅाक’ को भारत में बंद हुए लगभग 6 महीने से अधिक हो चुका है। 6 महीने पहले जो ‘टिक टॅाक’ के दीवाने थे आज वे इस ऐप के बारे में कोई बात भी नहीं करते। अब यह ऐप उनके लिए बीते दिनों की बात हो गई है। ‘टिक टॅाक’ के वैसे दीवाने जो यह दंभ भरते थे कि इससे पैसे कमाई केे साथ-साथ  मनोरंजन भी हो जाता है उनके लिए 2020 कुछ अधिक ही बुरा गुजरा।

(लेखिका पत्रकार हैं।)

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