वाधवानी फाउंडेशन ने एमएसएमई के सशक्तिकरण की अपील की

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के मौके पर मुनाफा नहीं कमाने वाले वैश्विक वाधवानी फाउंडेशन ने एमएसएमई के सशक्तिकरण की अपील की है और कहा है कि जिनकी क्षमता है उन्हें अपने विकास को गति देनी चाहिए। इसके अलावा, कोविड महामारी के कारण संघर्ष कर रहे एमएसएमई को भी मजबूत किया जाना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस 2021 एक ऐसा समय है जब हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और एमएसएमई क्षेत्र को जिन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है उसका ख्याल रखना चाहिए। हालांकि, एमएसएमई देश के आर्थिक और सामाजिक ताना-बाना का अहम हिस्सा है और पूरी रीकवरी उच्च सघनता और रणनीतिक ढंग से तैयार सहायता से ही संभव होगी और बेहद उत्साह वाले क्षेत्र को इसकी जरूरत है। इसलिए, यह आवश्यक है कि इस क्षेत्र को स्थिर किया जाए और इसके लिए तात्कालिक चुनौतियों का मुकाबला किया जाए। इनमें नकद प्रवाह, वेतन, दबाव डाल रहे कर्जदाताओं का ख्याल रखने के साथ शायद ज्यादा महत्वपूर्ण चुनौती यह पता लगाने की है कि विकास कहां है और यह इसकी सच्ची संभावना को हासिल करने के लिए आवश्यक है।

इस मुश्किल और चुनौतीपूर्ण समय में तथा अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस 2021 पर वाधवानी एडवांटेज के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट समीर साठे कहते हैं, “महामारी ने जब सारी दुनिया को परेशान कर रखा है खासकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को तो इत तथ्य को नए सिरे से स्वीकार किया जा रहा है कि एमएसएमई को सहायता की जरूरत है। उनपर ध्यान दिया जाना चाहिए और अगर ऐसा नहीं किया गया तो कारोबार, वाणिज्य, अर्थव्यवस्था और आजीविका की विश्व व्यवस्था भरभरा कर गिर जाएगा और समय नहीं लगेगा, खत्म हो जाएगी।”

समीर साठे आगे कहते हैं, “एमएसएमई पंजीकरण में हाल में आई तेजी और उनके कारोबारों में डिजिटल नवीनता का निगमन एमएसएमई के लचीलेपन का एक उत्साहवर्धक संकेत है और यह महामारी के बावजूद है। वाधवानी एडवांटेज उनके कारोबारी बुनियाद को गति देने औऱ मजबूत करने के साथ उन्हें स्थिर करने पर फोकस करता है। इस तरह, दीर्घ अवधि में द्रुत विकास को संभव करता है। हम कारोबारों का सशक्तिकरण करते हैं और उन्हें अपनी विकास संभावना को अधिकत्तम करने की क्षमता से लैस करते हैं। इसके लिए ऑटोमेटेड बिजनेस डिसकवरी और ट्रांसफॉर्मेशन टूल्स मुहैया करवाते हैं। हम चाहते हैं कि उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे अपने सलाहकार बन सकें।”

एमएसएमई क्षेत्र को आम तौर पर देश के विकास के इंजन के रूप में जाना जाता है और देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 30% से ज्यादा है और यह जीडीपी के साथ-साथ रोजगार के मौके बनाने में भी है। कोविड महामारी का पूरे एमएसएमई क्षेत्र में गंभीर और अनुचित प्रभाव पड़ा था। दी गई स्थिति में यह आवश्यक है कि उन्हें फिर से दुरुस्त करने और सहायता करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं।

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