मदर्स डे क्यों मनाया जाता है?

शिवानी रजवारिया

नई दिल्ली: मां का कोई एक दिन हो ही नहीं सकता। मां की ममता, प्यार, दुलार, फिक्र हर पल उसकी हर सांस के साथ बच्चे के साथ चलती है फिर भी मां के ममत्व और बच्चे की जिंदगी में उसकी भूमिका को सम्मान करने के लिए मां के इस दिन को मनाया जाता है।

कब मनाया जाता है?

हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। सभी देशों में यह दिन अलग अलग तरीके से अलग तारीख पर मनाया जाता है लेकिन मई के महीने के दूसरे रविवार को इसका विशेष महत्व दिखाई देता है। “अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस” 8 मार्च को मदर्स डे के रूप में भी मनाया जाता है। मदर्स डे का इतिहास बहुत प्राचीन माना जाता है। कहते है 8 मई सन 1914 में राष्ट्र्पति वुड्रो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को एक संयुक्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे।इसे मदर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा कुछ विचारों का यह मानना है कि यह दिन ग्रीक से शुरू हुआ ग्रीस में मातृ पूजा करने का रिवाज है। मां को विशेष दर्जा दिया जाता है स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थी जिन को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है।

रोमन और एशिया माइनर में बसंत ऋतु के आसपास 15 मार्च 18 मार्च तक इस दिन को मनाया जाता है।यूरोप और ब्रिटेन में बहुत सारी परंपराएं प्रचलित हैं। माताओं को सम्मान देने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जाते हैं एक विशेष रविवार को उन्हें उपहार दिया जाता है जिसे मदरिंग सुंडे नाम से मनाया जाता है।

सबसे पहले किसने मनाया था मदर्स डे?

कहा जाता है कि अमेरिका की जूलिया वार्ड होवे ने अमेरिका सिविल वार ओर फ्रांको-प्रुस्सियन वार में हुई मारकाट के बाद यह महसूस किया कि युद्ध के बाद सैनिकों के घर तबाह हो जाते हैं उनकी विधवा औरतें और अनाथ बच्चे के दुख को देखकर एक ममत्व व शांति बनाने के लिए मातृ दिवस की शुरुआत की। जूलिया अमेरिकी “द बैटल हायमन ऑफ द रिपब्लिक” की लेखक थी। जो औरतों को एक साथ इकट्ठा करके एक शांति संदेश देना चाहती थी। होवे द्वारा 1870 में रचित “मदर डे प्रोक्लामेशन” में युद्ध के बाद शांति प्रतिक्रिया लिखी गई थी यह प्रोक्लामेशन होवे का नारीवादी विश्वास था वह महिलाओं को राजनीतिक स्तर पर अपने समाज को आकार देने का सम्पूर्ण दायित्व देने की बात कर रही थी।

क्या होता है इस दिन?
समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किए गए इस दिन पर बच्चें अपनी मां को हैप्पी मदरस डे बोलते है और उन्हें स्पेशल फील करवाते है।

बीसवीं सदी में तो मां के इस दिन को बहुत ही स्पेशल तरीके से मनाया जाता है बच्चे घरों में अपनी मांओं के लिए सरप्राइज प्लान करते हैं उन्हें उपहार देते हैं अपने जीवन में उनकी महत्व को अपने शब्दों और उपहारों के माध्यम से बयां करने की कोशिश करते हैं स्कूलों में भी मां के इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है छोटे-छोटे बच्चे कविताएं लिखकर अपनी मां को डेडीकेट करते हैं।

वैसे तो मां के कर्ज को आप पूरी जिंदगी नहीं उतार सकते लेकिन छोटी छोटी खुशियां देकर उन्हें अच्छा महसूस करवा कर उनके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कुराहट दे सकते हैं।

 

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