क्या कोरोना से बचाव कर पायेगी प्लाज्मा थेरेपी?
दिव्यांश यादव
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत सरकार हर तरह से प्रयास कर रही है, चाहे लॉकडाउन हो या कोरोना योद्धाओं के उत्साह बढ़ाने के नए नए उपायों के साथ साथ आरोग्य सेतु एप या फिर हर दिन का कोरोना अपडेट। लेकिन इसी बीच दिल्ली से एक अच्छी खबर आ रही है, जिसने सम्पूर्ण विश्व में एक आशा की लहर दौर गयी है।
दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्लाज्मा थेरेपी को अपनाने की बात कही थी, साथ ही साथ 4 मरीजों का उदाहरण भी दिया था। इससे पहले भी दुनिया के कई कई देश वैक्सीन की खोज में जुट चुके हैं और कहीं कहीं इसके परीक्षण की भी बात सामने आ रही है। अब हमें सबसे पहले ये समझना होगा कि आख़िर प्लाज्मा थेरेपी है क्या और ये कैसे काम कर रही है ।
आपने एक बात गौर किया होगा कि बार-बार अरविंद केजरीवाल कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके मरीजों से खून देने की गुजारिश कर रहे हैं। दरअसल प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से सही हो चुका व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडीज बन जाता है और उसकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत हो जाती है और इम्यूनिटी सिस्टम से प्रोटीन निकलकर प्लाज्मा में रक्त का थक्का बनाता है और कोरोना संक्रमित व्यक्ति में स्वस्थ व्यक्ति के खून चढ़ाने पर संक्रमित व्यक्ति सही होने लगता है। इस थेरेपी का सबसे पहले उपयोग 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के समय इस्तेमाल किया गया था । प्लाज्मा थेरेपी से उस समय भी 7 दिन में मरीज ठीक हो जाने लगा था।