योगी के कोरोना प्रबंधन की हो रही है चारों तरफ सराहना

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना से लोग बेहाल हैं, एक तरफ जहाँ लोगों को अस्पताल में बेड्स नहीं मिल रहे हैं वहीँ कहीं ऑक्सीजन की कमी हो रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना से लड़ने के लिए अपनाए गए उपाय की सराहना सभी जगह हो रही है।  यूपी के योगी मॉडल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के द्वारा भी पहले सराहना की गयी थी।

अब नीति आयोग ने भी यूपी मॉडल को सराहा है। आयोग ने कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौरान देश की सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में हर जरूरतमंद तक शीघ्र ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन के आपूर्ति की मॉनिटरिंग और रीयल टाइम प्रबंधन का जो सिस्टम विकसित किया, उसकी ट्वीट कर तारीफ की। अब तो केंद्र और कई राज्य भी अपने वहां इस सिस्टम को लागू कर रहे हैं।

नीति आयोग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में दो महत्वपूर्ण ट्वीट किए गए हैं, जिनमें योगी सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर चलाए गए ट्रिपल टी महाभियान (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) की सराहना की गई है। आयोग ने अपने ट्वीट में लिखा कि यूपी सरकार (UP Govt) की ओर से राज्य के 97 हजार से अधिक गांवों में घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित का पता लगाने और उन्हें आइसोलेट करने के महाभियान को अन्य राज्य भी दोहरा सकते हैं। नीति आयोग ने यह भी कहा कि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का यूपी मॉडल कोरोना को नियंत्रित करने में बेहद प्रभावशाली सिद्ध हो रहा है।

इसके अलावा दूसरे ट्वीट में नीति आयोग ने यूपी में ऑक्सीजन ट्रैकिंग सिस्टम को सराहा है। नीति आयोग ने लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार का ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम बेहद प्रशंसनीय है। यूपी ने ऑक्सीजन ट्रैकिंग के लिए एक ऐसा डैशबोर्ड तैयार किया है, जिससे ऑक्सीजन टैंकरों की रियल टाइम लोकेशन पता लगा सकते हैं। इससे बेहतर ऑक्सीजन आवंटन संभव हुआ है। पहले जहां 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता हो पा रही थी वहीं अब 1000 मीट्रिक टन होने लगी है।

बता दें कि इससे पूर्व डब्ल्यूएचओ भी कोविड प्रबंधन को लेकर योगी सरकार की सराहना कर चुका है। दस मई को किए ट्वीट्स में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में घर-घर जाकर कोविड के लक्षण वाले लोगों को होम आइसोलेट किया जा रहा है। साथ ही उन्हें दवाएं भी दी जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों के सभी घरों तक पहुंचने के लिए 141,610 टीमें और 21,242 सुपरवाइजर तैनात किए हैं। लोगों को वैक्सीनेशन कराने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ कोविड-19 ट्रेसिंग एक्टीविटी को सपोर्ट करता है।

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