एकीकृत विषय आधारित परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की है आवश्यकता: जितेंद्र सिंह

India's nuclear power capacity to grow at unprecedented rate, Government to encourage private sector participation: Dr Jitendra Singhचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष मंत्रालय आधारित या विभाग आधारित परियोजनाओं के बजाय एकीकृत विषय आधारित परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दायरे में रहकर काम करने का युग समाप्त हो चुका है। एक विशेष मीडिया साक्षात्कार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय हेतु, जिसे उन्होंने दो महीने पूर्व ही संभाला था, अपने दृष्टिकोण के बारे में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने सभी विज्ञान मंत्रालयों के साथ-साथ विभागों की नियमित संयुक्त बैठकें आयोजित करना शुरू कर दिया है और इस महीने के अंत से पहले वह सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों की एक संयुक्त बैठक भी आयोजित करेंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप्स, उद्योग और अन्य हितधारकों को शामिल करने के लिए इस एकीकृत दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जाएगा।

पिछले हफ्ते हुई एक नई पहल पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष / इसरो, सीएसआईआर, जैव प्रौद्योगिकी आदि सहित सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधि अलग-अलग मंत्रालयों में से प्रत्येक के साथ व्यापक मंथन में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कृषि, रेलवे, सड़क व जल शक्ति आदि से लेकर किस क्षेत्र में कौन से वैज्ञानिक अनुप्रयोगों का इस्तेमाल किया जा सकता है, इस पर काम करने के लिए लगातार प्रयासरत है। श्री सिंह ने बताया कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि आज हर क्षेत्र वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी पर काफी हद तक निर्भर हो गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे सबसे बड़े मार्गदर्शक हैं, जिनकी न केवल विज्ञान के लिए एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है, बल्कि वे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित पहल तथा परियोजनाओं को समर्थन व बढ़ावा देने में भी काफी आगे रहते हैं। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण में भारत के वैज्ञानिक कौशल की प्रमुख भूमिका रहेगी।

भारत की ऐसी कुछ हालिया पथ-प्रदर्शक उपलब्धियां, जिन्हें सार्वभौमिक रूप से बहुत सराहा गया है, उनका उल्लेख करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने उम्मीद जताई की कि हाल ही में हुए अंतरिक्ष क्षेत्र के सुधारों के बाद, भारतीय निजी अंतरिक्ष उद्योग वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के मूल तत्वों – अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं, लॉन्च सेवाओं में योगदान, लॉन्च वाहनों व उपग्रहों का निर्माण, ग्राउंड सेगमेंट की स्थापना और प्रक्षेपण ढांचा आदि में काफी हद तक बढ़चढ़ कर कार्य करने के लिए तैयार है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारे वैज्ञानिक मानव संसाधन की गुणवत्ता दुनिया के अधिकांश विकसित देशों की तुलना में कहीं ज़्यादा बेहतर है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में एक अग्रणी राष्ट्र है और इसका तथ्य यह है कि नासा भी इसरो द्वारा प्राप्त आंकड़ों की खरीद करता है, इससे हमारी वैज्ञानिक प्रगति के बारे में बहुत कुछ पता चलता है।

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