छात्रों की हित को देखते हुए मणिपुर में तत्काल शांति बहाल किया जाना चाहिए: डॉ आदित्य नारायण मिश्रा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: राष्ट्रीय प्रभारी और पूर्व अध्यक्ष DUTA और FEDCUTA, डॉ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि मणिपुर में जारी हिंसा की जड़े हाल के दिनों में देश में राजनीतिक और सामाजिक संघवाद में उपजे गहरे तनावो में है। उन्होंने कहा कि इस हिंसक व तनावपूर्ण स्थिति ने छात्रों की शिक्षा और करियर योजना पर गहरा आघात किया है जिसका नकारात्मक प्रभाव उनके जीवन पर लंबे समय तक रहेगा।
डॉ मिश्रा ने कहा कि देशहित और नैतिकता का तकाजा है कि छात्रों के अधिकारों को सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए और विश्वसनीय और निष्पक्ष उपाय करके राज्य में तत्काल शांति बहाल किया जाना चाहिए।
“एएडीटीए मणिपुर में जारी हिंसा- जिसमें हमारे सौ से अधिक नागरिकों की जान चली गई है और उनमें से हजारों अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं- को लेकर गंभीर रूप से चिंतिर और व्यथित है। आज देश में, विशेषकर मणिपुर में सामाजिक तनाव चरम पर है। समूची व्यवस्था आपात स्थिति में है, पर ऐसे नाजुक क्षण में भी, ‘डबल इंजन’ डॉकयार्ड में निष्क्रिय बैठे है।
उस पर भी, त्रासद यह है कि सत्ता द्वारा इस संदर्भ में निष्क्रियता तब दिखाई जा रही है जब इस आपात स्थिति को समाप्त करने के तत्काल उपायों की आवश्यकता है क्योंकि अगले कुछ दिनों में मानसून की शुरुआत राज्य मे रिलीफ कैंपों की स्थिति को विकट बना देगी,” उन्होंने कहा।
एक प्रेस वक्तव्य जारी कर मिश्रा ने कहा कि, “राज्यव्यापी उथल-पुथल ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इंटरनेट सेवाएं बहुत अनिश्चित हो गई हैं और अचानक कभी बंद हो जाती हैं। हर ओर अनिश्चितता और भय का माहौल है। इन सबसे छात्र ज्यादा अधिक पीड़ित हैं क्योंकि इन दिनों इंटरनेट सुविधा बाधित हो गई है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को मणिपुर में परीक्षा केंद्रों वाले छात्रों के लिए NEET नीट परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। ऐसी खबरें हैं कि राज्य के बहुत से छात्रों ने सीयूईटी पीजी और जेईई एडवांस जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए पंजीकरण नहीं कर पाए। इससे निश्चित रूप से, उनके भविष्य की संभावनाएं प्रभावित होंगी।“
यही कारण है कि एएडीटीए भारत जैसे विशाल संघीय और विविधता वाले देश में हाल ही में लाए गए केंद्रीकृत प्रवेश परीक्षाओं का लगातार विरोध करता रहा है। हमारे शिक्षकों के पास रोज़ कई फोन कॉल आ रहे हैं कि कैसे इस राज्य के छात्रों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों जैसे डीयू, जेएनयू आदि में प्रवेश मिलेगा।“
एएडीटीए ने मांग की है कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिए सभी प्रयास किए जाएं जिससे शैक्षिक गतिविधियों को नुकसान न पहुंचे। साथ ही एएडीटीए दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के इस बात से सहमत है, कि मणिपुर की स्थिति पूरे देश के लिए चिंता का कारण है और शांति बहाल करने के लिए बहुत कुछ और किए जाने की आवश्यकता है।