जम्मू-कश्मीर ने पहाड़ी और अन्य जनजातियों के लिए 10% आरक्षण कोटा को मंजूरी दी, 15 नई जातियां ओबीसी में शामिल

Jammu and Kashmir approves 10% reservation quota for Pahari and other tribes, 15 new castes included in OBC
(File photo)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश में नए जोड़े गए अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए नौकरियों में अलग से 10 प्रतिशत कोटा को मंजूरी दे दी। इन समुदायों में पहाड़ी, जातीय जनजातियाँ, पद्दारी जनजातियाँ, कोली और गड्डा ब्राह्मण शामिल थे।

प्रशासन ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में 15 नई जातियों को शामिल करने को भी मंजूरी दी और उनका कोटा बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया।

इसने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) आयोग द्वारा अनुशंसित कुछ जातियों के नामकरण और पर्यायवाची शब्द में बदलाव को भी मंजूरी दे दी। यह घटनाक्रम शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा कार्यक्रम की घोषणा से कुछ घंटे पहले हुआ।

देर शाम जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, “उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद (एसी) ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण नियम, 2005 में संशोधन के लिए समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।” जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 दिनांक 15.12.2023, संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) अधिनियम, 2024, संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम, 2024 और सिफारिशों का प्रकाश जम्मू और कश्मीर सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन सरकारी आदेश संख्या 2030-जेके (एलडी) 2020 दिनांक 19.03.2020 के तहत किया गया।

राजीव राय भटनागर, उपराज्यपाल के सलाहकार; बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव मंदीप कुमार भंडारी शामिल हुए।

केंद्र शासित प्रदेश में गुर्जरों और बकरवाल समुदायों के लिए 10 प्रतिशत कोटा को पहले मंजूरी दी गई थी। इसके साथ, जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों के लिए कुल कोटा बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है।

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