भारत ने यूएनएचआरसी में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर पाकिस्तान हमें नसीहत ना दे’

India said in UNHRC, 'Pakistan, which is dependent on international aid, should not give us advice'चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में पाकिस्तान की तीखी आलोचना की और उसे एक “विफल राज्य” बताया, जो जीवित रहने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है। भारत के स्थायी मिशन के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान के नेतृत्व पर आरोप लगाया कि वह अपनी सेना द्वारा फैलाए गए झूठ को जारी रख रहा है।

त्यागी की यह टिप्पणी पाकिस्तानी कानून मंत्री आजम नजीर तरार के जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के जवाब में आई। उन्होंने कहा, “यह देखना दुखद है कि पाकिस्तान के नेता और प्रतिनिधि अपने सैन्य आतंकवादी परिसर द्वारा फैलाए गए झूठ को फैलाना जारी रखे हुए हैं। पाकिस्तान ओआईसी को अपना मुखपत्र बताकर उसका मज़ाक उड़ा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस परिषद का समय एक असफल राज्य द्वारा बर्बाद किया जा रहा है जो अस्थिरता पर पनपता है और अंतरराष्ट्रीय दान पर जीवित रहता है।”

भारत ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जबकि वह अपने घरेलू संकटों से जूझ रहा है। त्यागी ने यह भी दोहराया कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने इन क्षेत्रों में हुए महत्वपूर्ण विकास की ओर इशारा किया और पाकिस्तान के अशांति के दावों को नकारा।

त्यागी ने पाकिस्तान के मानवाधिकारों के उल्लंघन, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और आतंकवादियों को पनाह देने के ट्रैक रिकॉर्ड को उजागर करते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास मानवाधिकार या लोकतंत्र पर बोलने की कोई विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को अपने लोगों को वास्तविक शासन और न्याय देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि भारत के प्रति अपने अस्वस्थ जुनून में समय बर्बाद करना चाहिए।”

भारत की यह टिप्पणी 19 फरवरी को राजदूत पार्वथानेनी हरीश द्वारा दिए गए एक कड़े बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने जम्मू और कश्मीर के भारत के अभिन्न हिस्से होने की पुष्टि की थी।

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