मुस्लिम बहुल मलप्पुरम को ‘अलग देश’ कहने पर विवाद, एसएनडीपी महासचिव वेल्लपल्ली नटेसन की टिप्पणी ने मचाई हलचल

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) योगम के महासचिव वेल्लपल्ली नटेसन के द्वारा मलप्पुरम जिले को “अलग देश” कहे जाने वाली टिप्पणी ने केरल के राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। नटेसन ने शुक्रवार को जिले के चुंगथारा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए यह विवादित बयान दिया।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि आप मलप्पुरम में ताजी हवा में सांस लेकर रह सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि आप स्वतंत्र राय देकर भी रह सकते हैं। मलप्पुरम एक अलग देश है। यह अलग-अलग लोगों का राज्य है।”
नटेसन ने आगे यह सवाल उठाया कि क्या पिछड़े समुदायों को दशकों की आजादी से कोई वास्तविक लाभ हुआ है। उनका यह बयान खासतौर पर मलप्पुरम के मुस्लिम बहुल जनसंख्या को लेकर था, जहां 2011 की जनगणना के अनुसार 70% से अधिक लोग मुस्लिम हैं।
इस पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अध्यक्ष सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने नटेसन की आलोचना करते हुए कहा, “मलप्पुरम जिले की आलोचना सिर्फ एक समुदाय की आलोचना नहीं है, बल्कि यह जिले की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और समाज को नकारने की कोशिश है।”
इसके बावजूद, नटेसन ने अपनी टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और मीडिया पर आरोप लगाया कि वह उनकी बातें गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। मेरी बात केवल मलप्पुरम में सामाजिक न्याय की कमी पर थी।”
नटेसन ने मलप्पुरम में पिछड़े समुदायों के खिलाफ सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक और आर्थिक बहिष्कार का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि मलप्पुरम में उनके समुदाय के सदस्यों को श्मशान घाट तक की सुविधा नहीं मिल रही है।
इसके अलावा, नटेसन ने आईयूएमएल पर गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों को पंचायत चुनावों में टिकट न देने का आरोप लगाते हुए पार्टी पर “छद्म धर्मनिरपेक्षता” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।