पीयूष गोयल ने भारत-ब्रिटेन व्यापार गोलमेज सम्मेलन में निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला
चिरौरी न्यूज
लंदन/नई दिल्ली: भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को लंदन में आयोजित भारत-यूके बिजनेस राउंडटेबल को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने तथा नवाचार-आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश के नए अवसरों को रेखांकित किया।
मंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया, “भारत-यूके बिजनेस राउंडटेबल को संबोधित किया, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों और सीईओ ने भाग लिया। आर्थिक संबंधों को मजबूत करने, नवाचार-आधारित विकास को बढ़ावा देने और निवेश के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा हुई।”
पीयूष गोयल इस सप्ताह पांच दिवसीय यात्रा पर लंदन, ओस्लो और ब्रुसेल्स में हैं, जिसका उद्देश्य यूके, नॉर्वे और यूरोपीय संघ के साथ भारत के व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करना है।
अपनी लंदन यात्रा के दौरान उन्होंने डी बीयर्स ग्रुप के सीईओ एल कुक और उनकी टीम से मुलाकात कर वैश्विक रत्न एवं आभूषण उद्योग के रुझानों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “हमने भारत में हीरों के उद्योग के लिए अवसरों, टिकाऊ प्रथाओं और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की।”
इसके साथ ही उन्होंने फिनटेक कंपनी के चेयरपर्सन मार्टिन गिल्बर्ट से भी मुलाकात की और भारत के फिनटेक इकोसिस्टम में अपार संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने वैश्विक साझेदारियों की आवश्यकता पर बल देते हुए नवाचार और विकास को गति देने की जरूरत पर भी प्रकाश डाला।
पीयूष गोयल ने लंदन में ब्रिटेन की बिजनेस और ट्रेड सेक्रेटरी जे. रेनॉल्ड्स से भी मुलाकात की, जिसका उद्देश्य भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को आगे बढ़ाना था। मंत्री ने इस बैठक को “उत्पादक बैठक” बताया और कहा कि यह भारत-यूके आर्थिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “लंदन पहुंचने के बाद मेरी पहली बैठक में ब्रिटेन की सेक्रेटरी जे. रेनॉल्ड्स से मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाने को लेकर उपयोगी चर्चा हुई, जिससे भारत-यूके आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ किया जा सके।”
लंदन यात्रा का उद्देश्य भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित एफटीए (FTA) वार्ताओं को अंतिम रूप देना है, जो अब अंतिम चरण में है। वर्तमान वैश्विक व्यापारिक माहौल में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित ऊंचे शुल्कों को देखते हुए भारत और यूके जल्द समझौता करना चाहते हैं।
बता दें कि इस एफटीए में 26 अध्याय शामिल हैं, जिनमें वस्तुएं, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र आते हैं।