“जो मिट गए देश पर, उन्हें सलाम”: शहीद मेजर भूपेंद्र सिंह की बेटी अभिनेत्री निमरत कौर ने याद किया पिता का बलिदान

Salute to those who sacrificed their lives for the country": Actress Nimrat Kaur, daughter of martyr Major Bhupendra Singh, remembers her father's sacrificeचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: इन दिनों जब देश की सुरक्षा, आतंकवाद और सीमा पर तनाव को लेकर माहौल गंभीर बना हुआ है, पहलगाम हमला, भारत का ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान की उकसाने वाली हरकतें और फिर उसका युद्धविराम तोड़ना, ऐसे समय में हर भारतीय की नजरें उन असली नायकों और उनके परिवारों की ओर जाती हैं, जिन्होंने देश की रक्षा में सब कुछ न्योछावर कर दिया।

ऐसे ही एक वीर योद्धा थे शहीद मेजर भूपेंद्र सिंह, जिनकी शहादत की कहानी आज फिर से चर्चा में है। उनकी बेटी, अभिनेत्री निमरत कौर ने यह कहानी साझा की है।

बॉम्बे टाइम्स को दिए एक पुराने साक्षात्कार में, निमरत कौर ने बताया कि कैसे 1994 में उनके पिता, जो कश्मीर के वेरीनाग क्षेत्र में सेना के इंजीनियर के रूप में तैनात थे, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन आतंकियों द्वारा अगवा कर लिए गए और सात दिनों के बाद बेरहमी से मार डाले गए।

“हम सर्दियों की छुट्टियों में थे और कश्मीर में अपने पापा से मिलने गए थे। वहीं से उन्हें अगवा कर लिया गया। आतंकियों ने कुछ ‘बेवकूफी भरी मांगें’ रखीं, जिन्हें पापा ने देश और कर्तव्य के प्रति अपनी निष्ठा के कारण मानने से इनकार कर दिया,” निमरत ने भावुक होकर बताया।

उस वक्त मेजर भूपेंद्र सिंह की उम्र महज 44 वर्ष थी। उनकी शहादत के बाद परिवार को दिल्ली बुलाया गया। “मैंने अपने पिता का शव पहली बार दिल्ली में देखा। फिर हम नोएडा चले गए और कुछ महीने नाना-नानी के साथ रहे। बाद में माँ ने हमारी बचत और पेंशन की मदद से एक घर खरीदा।”

सरकार ने राजस्थान में ज़मीन का एक टुकड़ा परिवार को दिया और मेजर भूपेंद्र सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। शौर्य चक्र भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों में से एक है।

यह कहानी केवल एक शहीद की नहीं, बल्कि हर उस परिवार की है जो चुपचाप बलिदान सहता है, लेकिन देश के सम्मान पर कभी आँच नहीं आने देता। जब सीमाओं पर गोलियां चलती हैं, तो सिर्फ सैनिक नहीं, उनके पूरे परिवार उस दर्द को जीते हैं।

निमरत कौर, जिन्हें हाल ही में अक्षय कुमार और सारा अली खान के साथ फिल्म स्काई फोर्स में देखा गया, आज जब स्क्रीन पर नजर आती हैं, तो सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक शहीद की बेटी के रूप में भी पहचानी जाती हैं — जिनके भीतर देशभक्ति, साहस और संघर्ष की एक ज्वाला जलती है।

“जब भी देश की मिट्टी को कोई खतरा होता है, तब-तब ऐसे वीरों की याद दिलाती है कि आज हम जो सांसें आज़ादी में लेते हैं, वह किसी की कुर्बानी की कीमत पर हैं।”

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