अदनान सामी का खुलासा: “पाकिस्तान में उपेक्षा मिली, भारत में मिला प्यार और पहचान”
चिरौरी न्यूज
मुंबई: पाकिस्तान में जन्मे मशहूर गायक और संगीतकार अदनान सामी, जो 2016 में भारतीय नागरिक बने, ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे पाकिस्तान में उन्हें नज़रअंदाज किया गया और भारत ने उन्हें अपनाकर उनके करियर को एक नई दिशा दी।
इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में अदनान सामी ने बताया कि 1998 में उनके कुछ गानों को रिलीज़ के बाद पाकिस्तान के संगीत उद्योग ने कोई समर्थन नहीं दिया। “1998 में जब मेरे गाने आए, तब वहां के म्यूजिक इंडस्ट्री वालों ने मान लिया कि मैं खत्म हो गया हूं। उन्होंने मार्केटिंग नहीं की, और किसी को पता भी नहीं चला कि एल्बम कब आया और कब चला गया। मैं बहुत निराश था,” सामी ने कहा।
उस समय वह कनाडा में थे और उन्हें लगा कि यह सब जानबूझकर किया गया। उन्होंने अपनी यह परेशानी प्रख्यात गायिका आशा भोसले से साझा की, जिनके साथ उन्होंने कभी तो नजर मिलाओ जैसे लोकप्रिय गाने रिकॉर्ड किए थे।
सामी ने बताया, “मैंने आशा जी से कहा कि मैं बहुत निराश हूं, क्योंकि यहां लोगों ने तय कर लिया है कि वे मेरे साथ काम नहीं करेंगे। मैं लंदन जाकर रिकॉर्ड करना चाहता था।”
इस पर आशा भोसले ने उनसे कहा, “लंदन में क्यों रिकॉर्ड करना चाहते हो? अगर वाकई कुछ नया करना है तो मुंबई आओ। यही हिंदी संगीत की राजधानी है। यहां जो हिट होता है, वह पूरी दुनिया में फैलता है।”
सामी ने आगे कहा, “मैं बोरिया-बिस्तर लेकर मुंबई पहुंच गया। आशा जी और उनके परिवार ने मुझे बहुत सहारा दिया। उन्होंने मुझे आर.डी. बर्मन के घर में ठहराया, जो मेरे लिए किसी संगीत मंदिर से कम नहीं था।”
जिन गानों को पाकिस्तान में पहचान नहीं मिली थी, वे भारत में सुपरहिट हो गए। कभी तो नजर मिलाओ, भीगी भीगी रातों में, लिफ्ट करा दे जैसे गाने भारत में खूब पसंद किए गए। “इन गानों की मार्केटिंग इतनी शानदार तरीके से की गई कि बाकी सब इतिहास बन गया। भारत के लोगों ने जिस तरह मुझे अपनाया और प्यार दिया, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।”
सामी ने यह भी कहा कि भारत में संगीत के लिए जो सम्मान है, वह दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता। “यहां के दर्शक संगीत को जिस श्रद्धा से सुनते हैं, उसकी मिसाल नहीं मिलती।”
उन्होंने यह भी अफसोस जताया कि पाकिस्तान में कई महान कलाकारों जैसे नुसरत फतेह अली खान, मेहदी हसन और रेशमा को कभी सरकार से मदद नहीं मिली। “दर्शकों ने हमेशा प्यार दिया, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने कभी हाथ नहीं बढ़ाया,” उन्होंने कहा।