मोदी सरकार की वित्तीय समावेशन योजनाओं ने कल्याण वितरण में लाया क्रांतिकारी बदलाव: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Modi government's financial inclusion schemes have brought revolutionary changes in welfare delivery: Finance Minister Nirmala Sitharaman
(File Photo/PIB)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की कई क्रांतिकारी वित्तीय समावेशन योजनाओं ने पिछले 11 वर्षों में कल्याणकारी योजनाओं के वितरण में अभूतपूर्व पारदर्शिता और कुशलता लाई है।

उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में एनडीए सरकार ने लोगों को गरीबी से बाहर निकालने, सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे और समावेशन पर ज़ोर देते हुए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

सीतारमण ने कहा, “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली ने भारत में कल्याण वितरण को पूरी तरह बदल दिया है। इससे लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। वर्तमान में 1,200 से अधिक सरकारी योजनाएं DBT के तहत चल रही हैं, जिनके माध्यम से अब तक ₹44 लाख करोड़ रुपये सीधे खातों में भेजे गए हैं।”

उन्होंने आगे बताया कि इस प्रणाली से देश को ₹3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है, जो पहले लीकेज और अक्षमता के कारण बर्बाद हो जाते थे।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM MUDRA Yojana) का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “यह योजना जमीनी स्तर पर लोगों के सपनों को उड़ान दे रही है और उद्यमिता को समावेशी बना रही है। अब तक इसके तहत 52 करोड़ से अधिक ऋण मंजूर किए गए हैं, जिनकी कुल राशि ₹33 लाख करोड़ रुपये है। इनमें से **68% ऋण महिलाओं को दिए गए हैं।”

वहीं, प्रधानमंत्री जन धन योजना (PM Jan Dhan Yojana) ने बैंकिंग को सार्वभौमिक बना दिया है। सीतारमण ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना के तहत अब तक 55.44 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से 55.7% खाते महिलाओं के नाम पर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि DBT, डिजिटल समावेशन और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की वजह से पारदर्शिता और लाभों की तेज़ डिलीवरी संभव हो पाई है।

उन्होंने यह भी बताया कि सब्सिडी में लीकेज रुकने के कारण सब्सिडी का खर्च कुल सरकारी व्यय में 16% से घटकर 9% हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “इसी पारदर्शी व्यवस्था के चलते 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। एनडीए सरकार एक समावेशी और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हर नागरिक गरिमा के साथ जीवन जी सके।”

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