प्रधानमंत्री मोदी बोले: “पिछले 11 वर्षों में नारी शक्ति बनी बदलाव की धुरी”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने के अवसर पर महिला सशक्तिकरण और महिला-नेतृत्वित विकास को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत में महिला-नेतृत्वित विकास ने एक नई परिभाषा प्राप्त की है, और महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी बनकर दूसरों को प्रेरित कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “पिछले 11 वर्षों में, एनडीए सरकार ने महिला-नेतृत्वित विकास को फिर से परिभाषित किया है। स्वच्छ भारत से गरिमा सुनिश्चित करने से लेकर जन धन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन तक, हमारा फोकस नारी शक्ति को सशक्त करने पर रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सशक्तिकरण को लेकर बीते एक दशक में शुरू की गई प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि,
- उज्ज्वला योजना ने लाखों घरों में धुएं से मुक्ति दिलाई।
- मुद्रा योजना के तहत लाखों महिलाओं को लोन मिलकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला।
- प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं के नाम पर मकान देना एक सशक्त सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करता है।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी पहल ने बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा को लेकर एक राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विज्ञान, शिक्षा, खेल, स्टार्टअप्स और सशस्त्र बलों जैसे क्षेत्रों में महिलाएं शानदार प्रदर्शन कर रही हैं और समाज को प्रेरित कर रही हैं।
महिलाएं अब बदलाव की भागीदार
सरकार की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, महिलाएं अब केवल लाभार्थी नहीं बल्कि परिवर्तन की वाहक बन चुकी हैं, जो भारत की विकास गाथा में केंद्रीय भूमिका निभा रही हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि, “सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, डिजिटल पहुंच, स्वच्छता और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में जीवन चक्र आधारित और समावेशी दृष्टिकोण से योजनाएं शुरू की हैं। नारी शक्ति अब एक राष्ट्रीय मिशन बन चुकी है, जो हर महिला—चाहे शहरी हो या ग्रामीण, युवा हो या वृद्ध—को गरिमा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के साथ जीने का अधिकार दे रही है।”
अमृत काल में नारी शक्ति: एक अजेय शक्ति
भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 67.7% हिस्सा महिलाएं और बच्चे हैं। ऐसे में सरकार महिला सशक्तिकरण को केवल सामाजिक सुधार के रूप में नहीं, बल्कि एक रणनीतिक प्राथमिकता के रूप में देख रही है।
विज्ञप्ति के अंत में कहा गया, “जैसे-जैसे भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, नारी शक्ति एक अजेय शक्ति के रूप में उभर रही है, जो एक मजबूत, समावेशी और विकसित राष्ट्र की दिशा में देश को आगे बढ़ा रही है।”