दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘MSC इरीना’ पहुंचा विझिनजाम पोर्ट, केरल सीएम विजयन ने बताया ऐतिहासिक क्षण
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को अदानी समूह द्वारा विकसित विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह पर दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज MSC इरीना के आगमन को “ऐतिहासिक क्षण” करार दिया।
सीएम विजयन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “केरल किसी भी दक्षिण एशियाई बंदरगाह पर आने वाले सबसे बड़े कंटेनर जहाज MSC इरीना का बहुत गर्व के साथ स्वागत करता है। 399.9 मीटर लंबाई, 61.3 मीटर चौड़ाई और 24,346 टीईयू क्षमता वाला यह जहाज हमारे बंदरगाह की रणनीतिक वैश्विक भूमिका को रेखांकित करता है और विकास के हमारे सामूहिक सपनों को प्रेरित करता है।”
MSC इरीना, जो 2023 में लॉन्च किया गया था, टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) क्षमता के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज है। इसकी क्षमता 24,346 TEU है, जो इसे वैश्विक समुद्री व्यापार में एक महाशक्ति बनाती है। यह जहाज 26 स्तरों तक कंटेनरों को स्टैक कर सकता है और इसकी लंबाई एक सामान्य फीफा फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना अधिक है।
लाइबेरियाई झंडे के अंतर्गत चलने वाला MSC इरीना, OOCL Spain को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा जहाज बन गया है।
अदानी पोर्ट के एमडी करण अदानी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज MSC इरीना का विझिनजाम पोर्ट पर स्वागत करते हुए हमें गर्व हो रहा है। 24,346 टीईयू क्षमता वाला यह जहाज पहली बार दक्षिण एशिया के किसी बंदरगाह पर पहुंचा है। यह न सिर्फ विझिनजाम के लिए, बल्कि भारत के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। वैश्विक ट्रांसशिपमेंट में भारत की मजबूत उपस्थिति की यह एक साहसी शुरुआत है।
Proud to welcome MSC Irina, the world’s largest container ship with a capacity of 24,346 TEUs, to our Vizhinjam Port. This marks the vessel’s maiden visit to South Asian shores, making it a milestone not just for Vizhinjam but for India’s emergence as a key player in global… pic.twitter.com/dmSGpwHQfK
— Karan Adani (@AdaniKaran) June 9, 2025
विझिनजाम पोर्ट, जिसे अदानी पोर्ट्स एंड SEZ लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है, पहले भी MSC Turkiye और MSC Michela Capellini जैसे विशाल जहाजों की मेजबानी कर चुका है। MSC इरीना की डॉकिंग इस बंदरगाह के बढ़ते वैश्विक महत्व को दर्शाती है और साथ ही टिकाऊ समुद्री प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देती है।
यह उपलब्धि न केवल केरल बल्कि भारत के लिए भी एक गर्व का क्षण है, जो देश को वैश्विक समुद्री व्यापार के मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करती है।