बिहार चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने लॉन्च की नई स्कीम, युवाओं हर महीने मिलेंगे ₹4-6 हजार तक

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की आहट के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) ने युवाओं को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। सरकार ने बुधवार को युवाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास से जोड़ने के लिए एक नई भत्ता योजना को मंजूरी दी है। यह स्कीम मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी ‘सात निश्चय-2’ पहल के तहत लाई गई है।
मुख्यमंत्री ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि ‘मुख्यमंत्री-प्रोन्नति योजना’ के तहत युवा अब प्रति माह ₹4000 से ₹6000 तक का भत्ता प्राप्त करेंगे, जिससे उन्हें रोजगार, नेतृत्व और कैरियर विकास में सहायता मिलेगी।”
क्या है योजना का लाभ?
इस स्कीम के तहत:
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12वीं पास युवाओं को ₹4000 प्रति माह
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ITI या डिप्लोमा धारकों को ₹5000 प्रति माह
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स्नातक या परास्नातक इंटर्नशिप कर रहे युवाओं को ₹6000 प्रति माह मिलेगा।
सरकार ने जानकारी दी है कि 2025-26 से 2030-31 तक एक लाख युवाओं को अलग-अलग संस्थानों में इंटर्नशिप का अवसर दिया जाएगा।
सीएम नीतीश ने कहा, “इस अभिनव योजना का उद्देश्य बिहार के युवाओं को आत्मनिर्भर, कुशल और रोजगारोन्मुखी बनाना है ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। हम उन्हें सशक्त और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं।”
धार्मिक आस्था पर भी फोकस: पुनौरा धाम में भव्य सीता मंदिर
मंगलवार को सीएम नीतीश ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम — जिसे देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है — वहां भव्य मंदिर और अन्य संरचनाओं के निर्माण के लिए ₹882.78 करोड़ की परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
उन्होंने X पर लिखा, “माँ जानकी के जन्मस्थली पुनौरा धाम, सीतामढ़ी के सर्वांगीण विकास के लिए भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं के निर्माण हेतु आज कैबिनेट में स्वीकृति दी गई है।” यह मंदिर अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर निर्मित किया जाएगा।
चुनावी रणनीति में युवा और आस्था दोनों पर फोकस
विशेषज्ञों का मानना है कि जदयू की ये दो बड़ी घोषणाएं — एक तरफ युवाओं को आर्थिक सहायता और रोजगार से जोड़ने वाली योजना, तो दूसरी ओर धार्मिक भावनाओं को संबोधित करने वाली पुनौरा धाम परियोजना — स्पष्ट संकेत देती हैं कि नीतीश कुमार चुनाव से पहले सभी वर्गों को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।