ट्रंप ने BRICS की “अमेरिका विरोधी नीतियों” का समर्थन करने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार रात अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा कि जो भी देश BRICS की “अमेरिका विरोधी नीतियों” का समर्थन करेगा, उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप की यह टिप्पणी वैश्विक व्यापार को लेकर और अनिश्चितता पैदा कर रही है, क्योंकि अमेरिका फिलहाल कई व्यापारिक साझेदारों के साथ टैरिफ को लेकर बातचीत कर रहा है।
ट्रंप ने लिखा, “जो भी देश BRICS की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ खड़ा होगा, उसे 10% अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इस नीति में किसी के लिए कोई छूट नहीं होगी।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका आने वाले दिनों में कई देशों को टैरिफ नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ पर लगाए गए 90-दिन के अस्थायी रोक की अवधि बुधवार को समाप्त हो रही है। ट्रंप ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि ये नोटिस सोमवार दोपहर (वॉशिंगटन समयानुसार) से भेजे जाने शुरू हो जाएंगे।
BRICS—जिसमें ब्राज़ील, चीन, दक्षिण अफ्रीका और भारत शामिल हैं—ने हाल ही में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें अमेरिका और इज़राइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों की निंदा की गई। नेताओं ने गाज़ा पट्टी से इज़राइली सैनिकों को हटाने की मांग की और मध्य पूर्व में संघर्षों के “न्यायपूर्ण और स्थायी समाधान” का आह्वान किया। इस सम्मेलन में चीनी प्रधानमंत्री ली क़ियांग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे।
हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन नीतियों को वे “अमेरिका विरोधी” मानते हैं, और यह भी नहीं बताया कि यह अतिरिक्त शुल्क कब से लागू किया जाएगा। ट्रंप पहले भी यह धमकी दे चुके हैं कि यदि BRICS देश अमेरिकी डॉलर को द्विपक्षीय व्यापार से हटाते हैं, तो वे उन पर 100% तक का शुल्क लगा सकते हैं।
ट्रंप की इन चेतावनियों के जवाब में BRICS देशों ने स्थानीय भुगतान प्रणालियों और वैकल्पिक व्यापारिक तंत्रों के विकास की ओर रुख तेज किया है। रविवार को BRICS नेताओं ने एक दशक से लंबित क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सिस्टम पर बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई, हालांकि इस दिशा में अब तक प्रगति धीमी रही है।
चीनी प्रधानमंत्री ली क़ियांग ने कहा कि BRICS देशों को वैश्विक शासन में सुधारों की अगुवाई करनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देना चाहिए। ली ने कहा, “आज की दुनिया अधिक अस्थिर है, और एकतरफा निर्णय व संरक्षणवाद बढ़ रहे हैं। चीन BRICS देशों के साथ मिलकर वैश्विक शासन को अधिक न्यायपूर्ण, तर्कसंगत, प्रभावी और सुव्यवस्थित दिशा में ले जाना चाहता है।”
ट्रंप के ताज़ा बयान पर चीन के विदेश मंत्रालय ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
