एस. जयशंकर तीन दिवसीय चीन दौरे पर रवाना होंगे, एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में लेंगे भाग

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार से चीन के तियानजिन शहर में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे। यह दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है, क्योंकि जून 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई खटास के बाद यह जयशंकर की पहली चीन यात्रा होगी।
हालांकि जयशंकर ने पिछले वर्षों में बहुपक्षीय सम्मेलनों के इतर अपने चीनी समकक्ष से मुलाकातें की हैं, लेकिन यह दौरा सीधे तौर पर द्विपक्षीय संवाद को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कूटनीतिक पहल की पृष्ठभूमि में अक्टूबर 2023 में कज़ान (रूस) में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक रही, जो लगभग पाँच वर्षों में प्रतिनिधिमंडल स्तर की पहली द्विपक्षीय बैठक थी। उस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति को स्पष्ट रूप से बताया था कि भारत-चीन संबंधों को यदि सकारात्मक दिशा में ले जाना है और उन्हें टिकाऊ बनाए रखना है, तो उनका आधार तीन “परस्पर” होना चाहिए — परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान, और परस्पर संवेदनशीलता।
उसके बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री जैसे वरिष्ठ भारतीय अधिकारी भी बीजिंग का दौरा कर चुके हैं, जहां उन्होंने कई जटिल मुद्दों पर चीन के साथ विस्तार से चर्चा की।
जयशंकर की यह यात्रा भारत और चीन के बीच जमी बर्फ को पिघलाने और रिश्तों को एक नई दिशा देने की उम्मीदों के साथ देखी जा रही है। दोनों देशों के बीच चल रही उच्च स्तरीय कूटनीतिक सक्रियता इस बात का संकेत है कि अब रिश्तों को सामान्य स्थिति की ओर ले जाने का प्रयास तेज़ किया जा रहा है।