शुभमन गिल की फॉर्म में गिरावट, कप्तानी और विवादों के बीच सवालों के घेरे में युवा बल्लेबाज़

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: शुभमन गिल, जिन्होंने रोहित शर्मा की जगह भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में कमान संभाली है, अब तक इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के लिए चर्चा में रहे हैं। पहले दो टेस्ट मैचों में दो शतक और एक दोहरा शतक जड़ने के बाद उन्होंने आलोचकों को करारा जवाब दिया। लेकिन लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट से उनका खराब दौर शुरू हो गया।
तीसरे टेस्ट में जहां गिल 16 और 6 रन बनाकर आउट हुए, वहीं मैच के तीसरे दिन इंग्लैंड के बल्लेबाज़ ज़ैक क्रॉली और बेन डकेट के साथ उनकी तीखी बहस भी सुर्खियों में रही। इस घटना के बाद न केवल उनके बल्लेबाज़ी प्रदर्शन में गिरावट आई, बल्कि उनकी कप्तानी शैली को भी लेकर सवाल उठने लगे हैं।
चौथे टेस्ट की पहली पारी में भी गिल कुछ खास नहीं कर सके और सिर्फ 12 रन बनाकर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। इस समय भारत का स्कोर 140/3 था।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने जियोहॉटस्टार पर गिल की फॉर्म पर चिंता जताते हुए कहा, “जिस तरह से शुभमन गिल आउट हो रहे हैं, उसमें अचानक झिझक देखने को मिल रही है। तीसरे दिन जो घटना हुई, उसके बाद से उनकी बॉडी लैंग्वेज में बदलाव दिख रहा है। यह ज़रूरी नहीं कि दोनों चीजें जुड़ी हों, लेकिन अचानक रन नहीं आ रहे हैं। यह एक तरह की रियलिटी चेक है।”
उन्होंने आगे कहा, “अब वो डिफेंसिव शॉट्स पर आउट हो रहे हैं। पहले दो मैचों में जो आत्मविश्वास दिखा, वो अब कहीं गायब है। इंग्लैंड आने से पहले वो एक सुपरस्टार थे, लेकिन अब सब कुछ बदल गया है।”
वहीं, इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज़ जोनाथन ट्रॉट ने और भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “तीसरे दिन की घटना के बाद शुभमन गिल बल्लेबाज़ से ‘विलेन’ बन गए हैं। अब फोकस उनकी बल्लेबाज़ी से हटकर उनकी कप्तानी और व्यवहार पर आ गया है। आज जो उन्हें स्टेडियम में प्रतिक्रिया मिली, वो इस बात का संकेत है कि लोगों का नजरिया बदल गया है।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “पहले दो टेस्ट गिल की बल्लेबाज़ी के इर्द-गिर्द घूम रहे थे, लेकिन अब उन्होंने खुद को एक टारगेट बना लिया है। जब आप एक मजबूत टीम के कप्तान होते हैं, तो ऐसी दुश्मनी झेलनी पड़ती है। अब देखना ये है कि गिल इससे उबरने में कितना समय लेते हैं।”
गौरतलब है कि एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में गिल अब भी सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, लेकिन हालिया फॉर्म में गिरावट और मैदान पर हुए विवाद ने उनके नेतृत्व और मानसिक मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगामी पारियों में गिल पर दबाव रहेगा कि वह बल्ले से जवाब दें और आलोचकों को फिर से चुप कराएं।