तीन टेस्ट खेलने के बाद बुमराह को आराम, टीम मैनेजमेंट ने लिया सतर्क फैसला: टेन डोशेटे

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के सहायक कोच रयान टेन डोशेटे ने स्पष्ट किया है कि जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट से बाहर रखने का निर्णय खिलाड़ी की दीर्घकालिक फिटनेस को ध्यान में रखकर लिया गया। उन्होंने कहा कि बुमराह की उपलब्धता केवल तीन टेस्ट मैचों के लिए तय की गई थी और टीम प्रबंधन ने उस प्रतिबद्धता का सम्मान करना सही समझा।
बुमराह ने मैनचेस्टर टेस्ट में सीरीज के लिए तय अपने तीन टेस्ट मुकाबलों का कोटा पूरा किया और इसके बाद टीम ने उन्हें लंदन टेस्ट के लिए टीम में शामिल न करने का निर्णय लिया। टेन डोशेटे ने पहले दिन के खेल के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह एक जटिल निर्णय था क्योंकि टीम उन्हें मैदान पर देखना चाहती थी, लेकिन साथ ही उनके शरीर की सीमाओं का भी सम्मान करना जरूरी था। उन्होंने बताया कि बुमराह ने भले ही एक टेस्ट में एक ही पारी में गेंदबाजी की हो, लेकिन कुल मिलाकर उन्होंने इस दौरे में काफी ओवर फेंके हैं।
कोच ने कहा कि तीसरे टेस्ट में बुमराह को न खिलाने के फैसले पर भी लोगों को हैरानी हुई थी, लेकिन वह एक रणनीतिक सोच के तहत लिया गया निर्णय था। उन्होंने बताया कि टीम ने सोचा था कि द ओवल की पिच आमतौर पर बल्लेबाज़ों के लिए बेहतर होती है, इसलिए टॉस जीतकर गेंदबाज़ी का विकल्प चुनने का इरादा था, और उस स्थिति में एक अलग गेंदबाज़ी संयोजन काम कर सकता था। उन्होंने स्वीकार किया कि अगर अब पीछे मुड़कर देखें तो शायद बुमराह को इस टेस्ट में रखना बेहतर होता, लेकिन तब के फैसले भविष्य की सोच और खिलाड़ी प्रबंधन पर आधारित थे।
टेन डोशेटे ने यह भी कहा कि बुमराह के संदर्भ में “पसंदीदा मैच चुनने” की बात करना उचित नहीं है, क्योंकि वह अतीत में गंभीर पीठ की चोट और सर्जरी से गुजर चुके हैं। उन्होंने बताया कि बुमराह ने पहले ही टीम को बता दिया था कि वह तीन टेस्ट खेलने के लिए तैयार हैं और किन तीन में उन्हें मैदान में उतारा जाए, यह निर्णय टीम प्रबंधन पर छोड़ दिया था।
उन्होंने यह भी कहा कि टीम में जो खिलाड़ी नहीं खेल पा रहे हैं, उन्हें लगातार प्रोत्साहित करना और उन्हें यह यकीन दिलाना जरूरी है कि सारे फैसले टीम के हित में लिए जा रहे हैं। टेन डोशेटे ने कहा कि जिन खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिली है, उन्होंने अभ्यास में कोई कमी नहीं छोड़ी और उनका रवैया प्रशंसनीय रहा है।
बुमराह इस समय टेस्ट रैंकिंग में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज़ हैं और उनके चोटों से जुड़ी पुरानी समस्याओं को देखते हुए टीम मैनेजमेंट उनके कार्यभार को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरत रहा है। पांच मैचों की इस सीरीज में अब तक बुमराह की मौजूदगी में भारत को अहम बढ़त मिली है, लेकिन अंतिम टेस्ट में उनके बिना टीम को संतुलन बनाए रखने की चुनौती होगी।